केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने मंगलवार को हरियाणा के करनाल जिले में महापंचायत बुलाई है. मालूम हो कि रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में महापंचायत का आयोजन किया गया था, जहां पर संयुक्त किसान मोर्चा, बीकेयू समेत विभिन्न किसान संगठनों के नेता इकट्ठे हुए थे और केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था. करनाल में आयोजित होने वाली महापंचायत से पहले हरियाणा सरकार सतर्क हो गई है और इंटरनेट सेवापर रोक लगा दी है. साथ ही इलाके में धारा-144 भी लागू की गई है.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने जानकारी दी है कि मंगलवार (7 सितंबर) को सुबह 10 बजे करनाल की अनाज मंडी में किसानों की पंचायत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी. उन्होंने कहा, ”दिनभर (सोमवार) की गतिविधियों का जायजा लेने के बाद मोर्चे ने अफसोस प्रकट किया कि हरियाणा सरकार ने शहीद सुशील काजल और अन्य घायल किसानों को मुआवजा देने की बजाय उन्हें अपराधी ठहराने की कोशिश की है. किसानो
के सिर फोड़ने का हुक्म देने वाले अफसर के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय सरकार ने उन्हें इनाम दिया है.”
किसान मोर्चा ने कहा कि इन सबके विरोध में करनाल में पंचायत का आयोजन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसानों को अनाज मंडी पहुंचने का आह्रवान किया है. इसके साथ ही मोर्चे ने सभी किसानों से हर हलत में शांति बनाए रखने की भी अपील की है. एसकेएम ने कहा, ”हरियाणा सरकार के पास अब एक ही हथकंडा बचा है कि वह किसी तरह किसान आंदोलन में हिंसा करवा कर उसे बदनाम करे, इसलिए किसानों को विशेष रूप से सजग रहना होगा कि वह सरकार और उसके एजेंटों को ऐसी कोई हरकत करने का कोई मौका ना दें और किसी तरह की हिंसा की गुंजाइश न होने दें
महापंचायत से एक दिन पहले इंटरनेट पर रोक
किसानों की महापंचायत से एक दिन पहले हरियाणा की खट्टर सरकार ने करनाल और उसके चार आसपास के जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. सरकार ने 6 सितंबर दोपहर 12.30 बजे से 7 सितंबर की रात 11.59 बजे तक करनाल में इंटरनेट सर्विस को बंद किया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि करनाल में आयोजित किसान पंचायत के कारण कानून व्यवस्था में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग की आशंका है .
‘सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकना उद्देश्य’
सरकारी प्रवक्ता ने आगे कहा, ”इससे सार्वजनिक सुरक्षा, कानून और व्यवस्था में व्यवधान हो सकता है. इंटरनेट बंद किए जाने के कदम का उद्देश्य एसएमएस और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकना है, जिससे अफवाहें फैल सकती हैं और उससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है.” सरकार ने सभी एसएमएस सेवाओं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और सभी डोंगल सर्विस (वॉयस कॉल्स को छोड़कर) को सस्पेंड कर दिया है. किसानों की होने वाली महापंचायत को लेकर हरियाणा सरकार और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गई है. प्रशासन ने इलाके की सुरक्षा को बढ़ाते हुए धारा-144 लागू कर दी है. महापंचायत पर बात करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी ने बताया कि करनाल प्रशासन से महापंचायत पर बात हुई है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है. हम महापंचायत पर बात करते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूंनी ने बताया कि करनाल प्रशासन से महापंचायत पर बात हुई है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है. हम महापंचायत करेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन
बता दें कि पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी संख्या में किसान और किसान नेता सरकार के कानूनों का विरोध करते हुए उन्हें रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, किसानों की मांग एमएसपी पर कानून बनाने की भी है. किसान समय-समय पर अपने आंदोलन की गति को और बढ़ाते रहे हैं. किसान नेताओं ने महापंचायत करने का भी ऐलान किया है और 27 सितंबर को भारत बंद बुलाया गया है.
इंटरनेट पर रोक के चलते परीक्षाएं स्थगित
वहीं, किसान महापंचायत की वजह से बंद किए गए कई जिलों में इंटरनेट के चलते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आज होने ववाली परीक्षा को भी टाल दिया गया है. यह परीक्षा अब 28 सितंबर को होगी. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने यह जानकारी दी. वहीं, वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं .विश्वविद्यालय के लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में इंटरनेट बाधित होने के कारण 7 सितम्बर को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं .