अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का नेतृत्व मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को दिए जाने की तैयारी है। वह अब तक तालिबान की शीर्ष निर्णयकारी संस्था ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के सरगना मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने हसन को यह जिम्मेदारी देने का फैसला लिया है। इसके अलावा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उनके डिप्टी के तौर पर नियुक्त करने का फैसला हुआ है। बरादर के साथ ही मुल्ला अबदस सलाम को भी हसन अखुंद के डिप्टी के तौर पर नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। कई सूत्रों के हवाले से द न्यूज इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अगले सप्ताह तक सरकार गठन का ऐलान हो सकता है।
मुल्ला हसन फिलहाल तालिबान की शीर्ष निर्णयकारी संस्था रहबरी शूरा के मुखिया हैं। अखबार के मुताबिक मुल्ला हसन कंधार के रहने वाले हैं, जहां से तालिबान का जन्म हुआ था। वह तालिबान के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। वह 20 साल तक रहबरी शूरा के हेड रहे हैं और उन्हें हेबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी माना जाता रहा है। तालिबान की 1996 की पिछली सरकार में हसन विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर के पद पर थे। अखबार के मुताबिक तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को डिफेंस मिनिस्टर की जिम्मेदारी मिल सकती है।
मुल्ला उमर के बेटे को मिल सकता है रक्षा मंत्रालय
याकूब मुल्ला हेबतुल्ला का छात्र रहा है। इस सरकार गठन की खास बात यह है कि तालिबान के एक और धड़े हक्कानी नेटवर्क के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को होम मिनिस्टर की जिम्मेदारी मिल सकती है। वह जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे हैं, जिन्होंने सोवियत यूनियन के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था। वहीं अमीर खान मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाने की तैयारी है। सिराजुद्दीन हक्कानी को ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया है। एफबीआई की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सिराजुद्दीन हक्कानी की जानकारी देने पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ऐलान किया था। अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक सिराजुद्दीन पाकिस्तान में रहता रहा है।