आगरा पुलिस पर सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की हत्या का ही आरोप नहीं है बल्कि परिवार की महिलाओं ने पुलिस पर लूट और तोड़फोड़ का भी आरोप लगाया है। महिलाओं का कहना है कि पुलिस वाले लॉकर तोड़कर जेवरात तक लूटकर ले गए। बच्चों की गुल्लक तक फोड़ दी। जो मिला उसे बटोरकर ले गए। यह पुलिस रक्षक नहीं भक्षक है।
अरुण के घर सुबह से मिलने वालों का तांता लगा था। दो मंजिला मकान में चार कमरे हैं। कमरे में अरुण की मां कमला देवी, भाभी जया, सुनीता, अरुण की पत्नी सोनम और परिवार की अन्य महिलाएं बैठी थीं। घरवालों से पूछा गया कि पुलिस ने कैश कहां से बरामद किया था। यह सुनते ही परिवार की महिलाएं बिफर गईं। कहने लगीं कि चोर अरुण नहीं था। पुलिस लुटेरी है। रविवार की रात पुलिस घर आई थी। पूरे घर में तांडव किया। अरुण की भाभी सुनीता विधवा हैं। पति संजय का देहांत हो चुका है। नवंबर में उनकी बेटी शिवानी की शादी है, सुनीता ने अपनी अलमारी दिखाई। कहा कि पुलिस ने लॉकर तोड़ दिया। पूरा घर खंगाला था। लॉकर में बेटी की शादी के लिए जेवरात रखे थे। पुलिस लूटकर ले गई। शिवानी ने एक गुल्लक बनाई थी। उसे भी तोड़ दिया। गुल्लक में मालखाने से चोरी हुए 25 लाख रुपये नहीं आ सकते। पुलिस ने उसे भी तोड़ दिया। जो भी कैश निकला पुलिस ने बटोर लिया। रिंकी की पत्नी नीलम ने बताया कि पुलिस ने उनके बच्चों की गुल्लक भी तोड़ दी। अरुण की पत्नी सोनम ने अपने कमरे का भी हाल दिखाया। बताया कि पुलिस ने रविवार की रात पूरा घर खंगाल मारा था। जो मिला लूटकर ले गई। मंगलवार को अरुण को घर क्यों लेकर आती। पुलिस झूठ बोल रही है। पुलिस ने उसे विधवा बनाया है। उसके बच्चों के सिर से पिता का साया छीना है। ऊपर वाला हत्या में शामिल पुलिस वालों को कभी माफ नहीं करेगा।