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चीन का ‘हाइपरसोनिक टेस्ट’ क्या हथियारों की नई रेस की शुरुआत है?

चीन का 'हाइपरसोनिक टेस्ट

चीन ने पिछले दिनों परमाणु ताक़त से लैस एक हाइपरसोनिक मिलाइल का परीक्षण किया है. कई लोग इसे एक बड़ी उपलब्धि और हथियारों के क्षेत्र का ‘गेम-चेंजर’ मान रहे हैं जिससे अमेरिकी अधिकारी भी परेशान हैं.

चीनी सेना ने पिछले कुछ समय में दो बार ऐसे रॉकेट लॉन्च किए हैं जिन्होंने पूरी धरती का चक्कर काटने के बाद अपने टार्गेट को निशाना बनाया. फ़ाइनेनशियल टाइम्स ने पहली बार इससे जुड़ी जानकारी दी, उन्होंने खुफ़िया विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि पहली बार ये मिसाइल अपने टार्गेट से 40 किलोमीटर दूर रह गई थी.

कई अमेरिकी जानकारों और राजनेताओं को चिंता में डालने वाली इस रिपोर्ट को चीन ने ग़लत बताया. उसने कहा कि ये पुराने अंतरिक्ष यान को फिर से इस्तेमाल करने से जुड़ा टेस्ट था.

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कैलिफ़ोर्निया के मॉन्टेरी में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में ईस्ट एशिया नॉन-प्रोलिफ़रेशन प्रोग्राम के निदेशक जेफ़री लुइस कहते हैं कि चीन का मना करना “भ्रम पैदा करने वाला क़दम है”. उनके मुताबिक़ वो ऐसा इसलिए मानते हैं क्योंकि इन जानकारियों को अमेरिकी अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए सही बताया है.

वो मानते हैं कि चीन द्वारा एक ऑर्बीटल बॉम्बार्डमेंट सिस्टम का टेस्ट करना “तकनीकी और रणनीतिक कारणों से मुमकिन है.”

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