मुख्तार का शूटर अलीशेर अपने दाहिने हाथ कामरान के साथ पुराने लखनऊ के एक व्यापारी नेता की हत्या करने के इरादे से आया था। दावा किया जा रहा है कि वह इस नेता की पहले भी रेकी कर चुका है। हत्या के लिये ही कार्बाइन व पिस्टल लेकर आया था। एसटीएफ ने यह दावा अलीशेर के मोबाइल की कॉल डिटेल और उसकी जेब से मिली डायरी के आधार पर किया है। हालांकि एसटीएफ व्यापारी नेता का नाम नहीं बता रही है लेकिन उन्हें सुरक्षा देने के लिये कमिनरेट पुलिस से कहा गया है।
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि अलीशेर बेहद शातिर अपराधी है। उसका नेटवर्क मुख्तार की वजह से यूपी के कई शहरों में है। इनकी बदौलत ही वह पिछले महीने से यूपी में ही छिपा हुआ था। उसका पासपोर्ट भी बना हुआ है। आजमगढ़ में कलामुद्दीन की हत्या के बाद वह दुबई भाग गया था। वहां से आने के बाद ही उसने झारखण्ड में भाजपा नेता जीत राम की हत्या कर सनसनी फैला दी थी। इस हत्या में उसका नाम आते ही एसटीएफ भी अलर्ट हो गई थी।
मुख्तार की शह पर ही वसूली करता था
एसटीएफ ने यह भी दावा किया है कि मुख्तार गिरोह में शामिल होने के बाद वह अपना दबदबा बढ़ाने में लगा था। पूर्वांचल के कई हिस्सों में वह कई बड़े लोगों से वसूली ले चुका है। मुख्तार की शह पर वह अपराध जगत में हावी होता जा रहा था। दावा किया जा रहा है कि अलीशेर ने झारखण्ड व छत्तीसगढ़ में कई वारदातें की है। वह कामरान पर बहुत विश्वास करता था। यही वजह थी कि वह हर घटना में उसे अपने साथ रखता था। लखनऊ में जब व्यापारी नेता की हत्या की सुपारी ली तो भी वह कामरान को ही लेकर लखनऊ आया।