राजस्थान के भरतपुर में एक जज को एक नाबालिग लड़के से यौन शोषण के मामले में सस्पेंड कर दिया गया है। उनके साथ इस कोर्ट के दो अन्य कर्मचारी भी इस कुकृत्य में शामिल थे। जज का नाम जितेंद्र सिंह गोलिया है। वह एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश थे। एक महिला ने इस मामले में यहां के मथुरा गेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
धमकी देकर एक महीने से कर रहे थे कुकर्म
महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि जज पिछले करीब एक महीने से उसके बेटे के साथ गलत हरकत कर रहे थे। जज और दोनों कर्मचारियों ने लड़के को धमकी दी थी कि वह किसी को इस बारे में किसी को न बताए। दो अन्य आरोपियों की पहचान अंशुल सोनी और राहुल कटारा के रूप में हुई है। इसमें अंशुल सोनी जज का स्टेनोग्राफर है और राहुल कटारा भी जज के स्टाफ में थे। मथुरा गेट एसएचओ रामनाथ ने कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच एक वरिष्ठ पुलिस अफसर को सौंप दी गई है।
खाने-पीने के सामान में मिलाते थे नशीला सामान
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि एसीबी सर्किल अफसर परमेश्वर लाल यादव, अंशुल सोनी और राहुल कटारा के साथ मिलकर बच्चे को जान से मारने की धमकी देता था। मामले की जानकारी होने के बाद परमेश्वर लाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्चा शहर के कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में टेनिस खेलने जाता है। क्लब में भरतपुर के कई अधिकारी और जज जितेंद्र गोलिया भीव वहां आते थे। उन्होंने पहले बच्चे से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उसे अपने घर ले जाने लगे। इसके बाद खाने-पीने के सामान में नशीला पदार्थ देकर उसके साथ गलत काम करते थे।