प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ब्रिटेन (Britain) से लौटने के तुरंत बाद ही कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर एक तत्काल समीक्षा बैठक करने जा रहे हैं. अक्टूबर में गिरे टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) के आंकड़े, राज्यों और निजी अस्पतालों के पास बगैर उपयोग हुए टीकों की संख्या में इजाफा औऱ त्योहार के मौसम में बाजार में बढ़ती भीड़ सरकार की चिंता के तीन बड़े विषय हैं. इन्हीं के चलते केंद्र ने मौजूदा व्यवस्था की जानकारी जुटाने और दखल देने का फैसला किया है.
सितंबर में टीकाकरण की संख्या 24 करोड़ थी, जो अक्टूबर में गिरकर 17 करोड़ से भी नीचे आ गई है. जबकि, अस्पताल में इस्तेमाल नहीं किए गए डोज की संख्या करीब तीन गुना बढ़कर 15 करोड़ हो गई है. 3 नवंबर को होने वाली समीक्षा बैठक में पीएम मोदी 40 जिलाधिकारियों और 11 मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे. इस दौरान टीकाकरण को लेकर पिछड़े क्षेत्रों पर बातचीत की जाएगी. बाजारों में बढ़ती भीड़ को लेकर भी कोविड-19 प्रोटोकॉल दोबारा लागू किए जा सकते हैं, जिनमें सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना शामिल है.
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया, ‘1 अक्टूबर को हमारे पास 5 करोड़ वैक्सीन का अनयूटिलाइज्ट स्टॉक था. आज की तारीख में 13 करोड़ से ज्यादा का स्टॉक राज्यों के पास पड़ा हुआ है और अतिरिक्त दो करोड़ निजी अस्पतालों के पास है. जिसके चलते आंकड़ा कुल 15 करोड़ पर पहुंच गया है. साफ है कि राज्य टीकाकरण पर जोर नहीं दे रहे हैं, जबकि स्टॉक पर्याप्त है.’ हालांकि, दो बड़े राज्यों के अधिकारियों का कहना है कि असल दिक्कत वैक्सीन को लेकर संकोच है और ‘टीकाकरण का आखिरी दौर सबसे मुश्किल हो रहा है.’ क्यों कि जिन लोगों ने बीते 10 महीनों में वैक्सीन नहीं ली है, वे वहीं लोग हैं, जो एक भी डोज लेने के इच्छुक नहीं हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘यह बड़ी चुनौती है.’