भारत (India) क्रिकेट का सुपर पावर है. यह बात ज्यादातर वक्त सही होती है. लेकिन अगर T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) हो रहा है तो यह बात मुश्किल से ही सही हो पाती है. साल 2009 से ही यह स्थिति बनी हुई है. साल 2009 से जितने भी T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) हुए, उनमें भारत सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए संघर्ष करता रहा है. हालांकि, यह बात और दिलचस्प है कि 2007 में पहली बार हुए T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2007) का चैंपियन भारत ही बना था बना था. यूएई और ओमान में खेले जा रहे मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप में भारत (Team India) अपने पहले दो मैच हार चुका है. इससे सेमीफाइनल में पहुंचने की उसकी उम्मीदें कमजोर हो गई हैं, हालांकि यह उम्मीद टूटी भी नहीं हैं.
T20 वर्ल्ड कप के लिए सन 2007 और 2008 गेम चेंजर कहे जा सकते हैं. 2007 में पहली बार इस फॉर्मेट की वर्ल्ड चैंपियनशिप हुई जिसे भारत ने जीता. बीसीसीआई ने इस फॉर्मेट की ताकत तुरंत पहचानी और 1 साल के भीतर आईपीएल लांच कर दिया. आईपीएल भारत ही नहीं दुनियाभर के क्रिकेटरों के लिए गेम चेंजर हुआ. बोर्ड मालामाल हो गया. क्रिकेटरों पर पैसों की बारिश होने लगी. इंटरनेशनल क्रिकेटर ही नहीं, भारत के घरेलू क्रिकेटर भी करोड़पति हो गए. लेकिन इंटरनेशनल टी20 मैचों में खासकर टी20 वर्ल्ड कप में भारत की हालत खस्ता होने लगी.