जब नंगे पांव पद्मश्री लेने के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचा नारंगी बेचने वाला, तालियों से गूंजा दरबार हॉल

जब नंगे पांव पद्मश्री लेने के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचा नारंगी बेचने वाला, तालियों से गूंजा दरबार हॉल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस साल के पद्म पुरस्कार विजेताओं के बीच पुरस्कार का वितरण किया। इस दौरान जब कर्नाटक के नारंगी विक्रेता अपना सम्मान लेने के लिए राष्ट्रपति कि पास पहुंचे तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। हरेकला हजब्बा नंगे पांव और साधारण कपड़ा पहनकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे थे।

राष्ट्रपति कोविंद ने हरेकला हजब्बा सामाजिक कार्य के लिए आज पद्मश्री प्रदान किया। कर्नाटक के मैंगलोर के नारंगी विक्रेता ने अपने गांव में एक स्कूल बनाने के लिए अपने व्यवसाय से पैसे बचाए।

5 2

मैंगलोर शहर से लगभग 40 किमी दूर हरेकला गांव में संतरा बेचते हैं। वह अपने व्यापार से पैसे बचाकर गांव के बच्चों के लिए स्कूल बनवाया। गांव में स्कूल नहीं होने के कारण हरकेला की पढ़ाई नहीं हो सकी थी। इसलिए उन्होंनेअपने गांव में स्कूल बनवाया। उन्होंने अपने इस प्रयास को साल 1995 में शुरू किया था। 2000 में हरेकला हजब्बा ने अपनी सारी बचत का निवेश किया और एक एकड़ जमीन पर एक स्कूल शुरू किया।

आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न के बाद देश के सर्वोच्छ नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार सोमवार को राष्ट्रपति भवन में बांटे गए। पद्म पुरस्कार देने का यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान सुषमा स्वराज और अरुण जेटली जैसे राजनेताओं को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

Ram Nath Kovind

विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को साल 2020 के लिए आज सम्मानित किया गया। मंगलवार यानी कल 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुरस्कार सौंपा। पुरस्कार समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शामिल हुए।

Khursheed Khan Raju

I am a passionate blogger. Having 10 years of dedicated blogging experience, Khurshid Khan Raju has been curating insightful content sourced from trusted platforms and websites.

Leave a Comment