विराट काेहली (Virat Kohli) की कप्तानी में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी. टीम टूर्नामेंट (T20 World Cup 2021) से बाहर हो चुकी है. टीम ने अब तक 4 मुकाबले खेले हैं और टीम को सिर्फ 2 ही मैच में जीत मिली है. अंतिम मुकाबले में टीम कुछ देर बाद नामीबिया से (India vs Namibia) भिड़ेगी. कोहली टूर्नामेंट के बाद टी20 टीम की कप्तानी छोड़ रहे हैं. दूसरी ओर कोच रवि शास्त्री (Ravi shastri) का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. टीम के मौजूदा वर्ल्ड कप की कमियों को देखें तो यह 2019 वनडे वर्ल्ड कप की ही तरह हैं. यानी टीम ने पिछली हार से कोई सबक नहीं किया. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर कोहली और शास्त्री ने क्या 3 बड़ी गलतियां दोहराई:
गलती नंबर-1: हार्दिक पंड्या के विकल्प की खोज नहीं की जा सकी
2019 वर्ल्ड कप की बात करें तो नंबर-4 टीम इंडिया के सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हुआ था. वर्ल्ड कप के पहले तक अंबाती रायडू नंबर-4 पर खेल रहे थे. लेकिन वर्ल्ड कप से उन्हें बाहर कर दिया गया था. ऐसा ही इस बार हुआ. हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) एक साल से अधिक समय से फिट नहीं हैं. इसके बाद भी उनके विकल्प की खोज नहीं की जा सकी. प्लेइंग-11 में टीम ने सिर्फ 5 गेंदबाजों को मौका दिया. इसका उसे खामियाजा भी भुगतना पड़ा.
गलती नंबर-2: छठे गेंदबाज की कमी खली टीम को
2019 के वर्ल्ड कप में भी टीम कई मैच में 5 गेंदबाजों के साथ खेल रही थी. सेमीफाइनल में भी सिर्फ 5 गेंदबाज ही उतरे थे. इस कारण टीम के पास अधिक बदलाव करने का मौका नहीं था. इस बार भी टी20 वर्ल्ड कप में हार्दिक पंड्या के गेंदबाजी नहीं करने के कारण टीम को झटका लगा. मोहम्मद शमी और शार्दुल ठाकुर जैसे गेंदबाजों के महंगे रहने के बाद भी टीम को उन्हीं से गेंदबाजी करानी पड़ी. दूसरी ओर अन्य टीमों के पास 6 से 7 गेंदबाजी के विकल्प थे.
गलती नंबर-3: टीम में लगातार बदलाव यानी खिलाड़ियों पर विश्वास नहीं
मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप की बात करें तो हर मैच में प्लेइंग-11 में बदलाव किया गया. ईशान किशन, भुवनेश्वर कुमार, शार्दुल ठाकुर को पहले टीम में शामिल किया गया, फिर वे बाहर भी कर दिए गए. 2019 वर्ल्ड कप में भी रवींद्र जडेजा, विजय शंकर और दिनेश कार्तिक को लेकर ऐसा ही किया गया था. कार्तिक को 3, शंकर को 3 और जडेजा को सिर्फ 2 मैच में मौका मिला था. इस कारण टीम पूरी तरह से सेट नहीं हो सकी.