जिन्ना का समर्थन करने के बाद अखिलेश यादव अब अपने चिलमजीवी वाले बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। संत समाज ने अखिलेश यादव के इस बयान का विरोध शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय संत समिति ने अखिलेश यादव से उनकी चिलमजीवी टिप्पणी पर माफी मांगने को कहा है। संत समाज का कहना है कि सनातन परंपरा के अनुसार, यूपी के सीएम एक सम्मानित और सम्मानित मठ के पीठाधीश्वर हैं। भारत में प्राचीन काल से ही धर्म हमेशा कानून के शासन से ऊपर रहा है। सिर्फ इसलिए कि एक संत को मुख्यमंत्री पद दिया गया, किसी को भी उसे गंदी राजनीति का शिकार बनाने का अधिकार नहीं है, उन्हें निशाना बनाने के लिए संत समाज को लेकर कोई आपत्तिनक और निम्न स्तरीय टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके प्रवक्ताओं को संतों का अपमान करने के लिए पूरे संत और सनातन समाज से तुरंत माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव माफी नहीं मांगते हैं तो संत समाज पूरे देश में सक्रिय रूप से घर-घर जाकर उनके खिलाफ जन समर्थन की अपील करेगा।
यह है पूरा मामला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को गाजीपुर से विजय रथयात्रा के चौथे चरण का शुभारंभ किया था। रथ लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते ही अखिलेश ने जबरदस्त हमला बोला था। अखिलेश ने बिना किसी का नाम लिये कहा था कि एक रंग वाले चिलमजीवी कभी यूपी को खुशहाली के रास्ते पर नहीं ले जा सकते। अखिलेश यादव ने कहा था कि इस गाजीपुर से उस गाजीपुर बार्डर (जहां किसान आंदोलन चल रहे हैं) तक अगले विधानसभा चुनाव मे बदलाव होगा। हर वर्ग के लोग बदलाव चाहते हैं। आज तो यह शुरुआत है, फिर एक बार सभा होगी। ऐतिहासिक सभा होगी। अखिलेश ने लोगों के हुजूम में लहराते झंडों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यहां लाल, पीला, हरा, नीला हर रंग का इंद्रधनुष दिखाई दे रहा है। भगवा रंग पर हमला करते हुए कहा था कि एक रंग वाले किसी के जीवन में रंग नहीं ला सकते। हम समाजवादी लोग सभी रंग वालों को साथ लेकर चलते हैं। एक रंग वाले चिलमजीवी कभी उत्तर प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर नहीं ले जा सकते हैं।