हैदराबाद पुलिस ने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की शिकायत पर यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. ओवैसी का आरोप है कि रिजवी ने कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई और पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया है. उनकी तहरीर के बाद हैदराबाद के कमातीपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
ओवैसी ने कमिश्नर से की मुलाकात
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के नेतृत्व में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के डेलीगेशन ने हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार से मुलाकात की. ओवैसी ने आरोप लगाया कि वसीम रिजवी ने एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को ‘बदनाम’ किया है. उन्होंने कहा कि रिजवी (Wasim Rizvi) के बयानों को भारत के मुसलमानों के खिलाफ दुश्मनी की भावना पैदा करने के लिए भी निशाना बनाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप शांति भंग होने का खतरा हो सकता है.
‘हमें रिजवी पर कार्रवाई की उम्मीद’
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट कर कहा, ‘मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने और पैगंबर मोहम्मद (पीबीयूएच) का अपमान करने के लिए वसीम रिजवी के खिलाफ हमारी शिकायत के बाद, प्राथमिकी दर्ज की गई है और एसआई, कामतीपुरा पीएस को मामला सौंपा गया है. हमें उम्मीद है कि तत्काल कार्रवाई की जाएगी.’
कमिश्नर से मीटिंग के बाद ओवैसी ने कहा कि उन्होंने आयुक्त को किताब के अंश भी दिए. ओवैसी ने उम्मीद जताई कि तेलंगाना सरकार इस मामले में केस दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार भी करेगी. उन्होंने देश के मुसलमानों मुसलमानों और अन्य ‘शांतिप्रिय’ लोगों से भी अपने-अपने इलाकों में रिजवी (Wasim Rizvi) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करवाने की अपील की.
रिजवी पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की शिकायत के बाद वसीम रिजवी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय-एकता के लिए हानिकारक दावे), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 505 (1) सी (किसी भी वर्ग या समुदाय को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए उकसाने के इरादे से किसी भी बयान, अफवाह या रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.