अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग का नेटवर्क पासपोर्ट कार्यालयों से लेकर एयरपोर्ट तक फैला है। गैंग का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए एटीएस हर ‘कनेक्शन’ की पड़ताल कर रही है। एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए अजय घिल्डियाल की निशानदेही पर सोमवार को देहरादून से विदेशी करेंसी व दुबई का सिम कार्ड बरामद किया। कोलकाता से गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों की आठ दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड भी मंजूर हो गई है।
एटीएस के लखनऊ थाने में इस संबंध में दर्ज मुकदमे की विवेचना के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से अब तक नौ अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गत 20 नवंबर को कोलकाता से गिरफ्तार कर लाए गए मो. जमील उर्फ हारिशुल्ला और नूर अमीन उर्फ सुदीप मैती की आठ दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड कोर्ट ने मंजूर कर दी है। मूल रूप से म्यांमार से रहने वाले रोहिंग्या समुदाय के इन दोनों अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय पर टीमों का गठन किया गया है। इसी गैंग का अजय घिल्डियाल इस समय एटीएस की कस्टडी रिमांड पर है और उससे पूछताछ चल रही है। यह गैंग बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत में लाकर उनके फर्जी प्रपत्र तैयार करवाता है और इन्हीं फर्जी प्रपत्रों के सहारे उन्हें भारतीय नागरिक के रूप में उन्हें विदेश भेजता है।
एटीएस के अनुसार गहन पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ अजय घिल्डियाल को लेकर देहरादून गए। वहां से अभियुक्त की निशानदेही पर एक सैमसंग फोन, 41 डॉलर व 200 दीरम विदेशी करेंसी, दुबई का सिम कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र और आठ ई-मेल आईडी बरामद हुई। अब फोन की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।