भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के खाने में हलाल मीट कथित तौर पर अनिवार्य करने को लेकर विवाद छिड़ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, खिलाड़ियों को बीफ खाने की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही कहा गया है कि अगर किसी को मीट खाना है तो वे केवल हलाल मीट ही खा सकते हैं। मेन्यू से पोर्क और बीफ बाहर रखे गए हैं। इस पूरे विवाद पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने स्पष्ट कर दिया है कि खिलाड़ियों के खाने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है और खिलाड़ी जो कुछ भी खाना चाहते हैं उसे चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
”खिलाड़ियों से खाने को लेकर कभी चर्चा नहीं हुई है और इस तरह के डाइट प्लान के बारे में कभी नहीं सुना। मुझे नहीं पता कि यह फैसला कब लिया गया। जहां तक मेरी जानकारी है, हमने कभी भी डाइट प्लान से संबंधित कोई गाइडलाइन जारी नहीं की। जहां तक खान-पान की बात है तो यह खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद है, इसमें बीसीसीआई की कोई भूमिका नहीं है।” उन्होंने कहा कि ‘हलाल’ मीट वाली बात किसी खिलाड़ी के फीडबैक के आधार पर सामने निकलकर आई होगी। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कोई खिलाड़ी कहता है कि वह बीफ नहीं खाता है और ऐसे में विदेशी टीम आती है तो खाने को मिक्स नहीं करना चाहिए।”
बता दें कि इस विवाद के पैदा होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल ने बीसीसीआई से इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की थी। अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो जारी करते हुए कहा था, ”खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खाएं, यह उनकी मर्जी है लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह ‘हलाल’ मांस की सिफारिश करे। यह फैसला सही नहीं है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”