निर्वाचन आयोग ने अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल को एक नोटिस भेजा है। इस में आयोग ने पार्टी के लखनऊ स्थित पंजीकृत केंद्रीय कार्यालय के मालिकाना हक के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। आयोग ने नोटिस वकील वीरेंद्र सिंह की 10 नवम्बर की शिकायत पर भेजा है।
कृष्णा ने आयोग को सौंपे अनापत्ति प्रमाण पत्र में कहा है कि लखनऊ के बी एन रोड, लालबाग स्थित पार्टी का कार्यालय जिस भूमि पर है, वह उसकी मालकिन हैं। उन्होंने अपना दल (कमेरावादी) कार्यालय के संचालन के लिए 500 रुपये किराए पर दिया है। वकील वीरेंद्र सिंह ने आयोग से कहा है कि जिस कार्यालय की मालकिन होने का दावा कर कृष्णा ने केंद्रीय कार्यालय के संचालन के लिए किराए पर दिया है। वह दरअसल अपना दल नामक राजनीतिक दल की संपत्ति है, जिसका विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कृष्णा पटेल द्वारा अपना दल नामक राजनीतिक पार्टी की संपत्ति का अनापत्ति प्रमाण पत्र किसी दूसरे दल को पंजीकृत कार्यालय चलाने के लिए देना ‘धोखाधड़ी’है। उन्होंने दावा किया कि पंजीकरण के लिए आवेदन देते समय कृष्णा पटेल अपना दल की प्राथमिक सदस्य भी नहीं थीं।
निर्वाचन आयोग एक अधिकारी ने पुष्टि की कि कृष्णा को नोटिस भेज स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। कृष्णा पटेल को 22 दिसंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि की कि आयोग की ओर से कृष्णा पटेल को नोटिस भेजा गया है और उनसे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि यदि वे दिए गए समय में अपना जवाब नहीं देती हैं तो आयोग उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा।
अखिलेश यादव से मिली थीं कृष्णा पटेल
अपना दल (कृष्णा गुट) की नेता कृष्णा पटेल ने बुधवार को अखिलेश से मुलाकात की थी। उल्लेखनीय है कि पटेल प्रतापगढ़ सदर सीट से खुद चुनाव लड़ना चाहती हैं। बता दें कि सपा के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन की रूपरेखा तय कर ली गई है। सपा के गठबंधन के रोडमेप के दायरे में सुभासपा और रालोद बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) एवं अपना दल (कृष्णा गुट) भी आ गए हैं।