उत्तर प्रदेश में रविवार को यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा रद्द (UPTET Exam 2022) कर दी गई है. पेपर लीक गिरोह के 29 सदस्यों को अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार कर लिया गया है. एसटीएफ की जांच में टीईटी पेपर लीक के तार सचिवालय से जुड़े हैं. सचिवालय में संविदा पर तैनात कर्मचारी इस गिरोह में सक्रिय सदस्य है. इसके अलावा कई सरकारी कर्मचारियों के भी तार गिरोह से जुड़े होने के सबूत मिले है. इसमें झांसी का अनुराग देश, अंबेडकरनगर का फौजदार वर्मा उर्फ विकास, अयोध्या कपासी का कौशलेंद्र प्रताप राय और झांसी का चंदू वर्मा शामिल है. अयोध्या के कौशलेंद्र राय के पास से टीम ने कई अहम दस्तावेज बरामद किये है.
इसमें सचिवालय का पास, खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं. बताया जा रहा है कि हर जिले में अलग अलग माफियाओं ने पेपर लीक करवाया था. बता दें कि कौशांबी से गिरफ़्तार रोशन सिंह लैब टेक्नीशियन है. प्रयागराज से गिरफ्तार सत्यप्रकाश सिंह सरकारी टीचर है. जबकि लखनऊ से गिरफ़्तार कौशलेंद्र सचिवालय का संविदा कर्मचारी है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए नकल माफिया और सॉल्वर गैंग पर नजर रखने के लिए जाल बिछाया गया था. मुखबिर और खुफिया जानकारी के आधार पर शनिवार रात से अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में लखनऊ से चार लोगों को, मेरठ से तीन लोगों को, वाराणसी और गोरखपुर से दो लोगों को, कौशांबी से एक और प्रयागराज से 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में एसओजी और सर्विलांस टीम ने सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. इसमें दो छात्र बिहार के हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कुछ और लोगों की गिरफ्तारी की बात कही. अयोध्या और अंबेडकर नगर जिले से भी एक-एक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक इस कर्मचारी के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया गया है.