लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई..कुछ इसी शायरना अंदाज में नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर तंज कसा है। मंगलवार को उमर अब्दुल्ला किश्तवाड़ में मौजूद थे। यहां उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर मुफ्ती मोहम्मद सईद पर शब्द बाण चलाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने मुफ्ती साहब को कहा था कि मुझे सत्ता का लालच नहीं है। मैं पहले ही 6 साल तक मुख्यमंत्री रह चुका हूं। मैंने उनसे यह भी कहा था कि मैं अपने किसी विधायक को मंत्री भी नहीं बनाना चाहता था। मैंने उनसे कहा था कि मैं उन्हें बिना किसी शर्त के सपोर्ट करूंगा। लेकिन कृप्या कर उन्हें (बीजेपी)यहां (जम्मू और कश्मीर) में मत लाइए।’
इसके बाद एक भीड़ को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने शायरना अंदाज में कहा, ‘हो सकता है उस समय उनकी (मुफ्ती मोहम्मद सईद) कुछ मजबूरियां रही हों। लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई…अब हमें यह नहीं पता कि उनके उस एक फैसले के लिए हमें कब तक सजा मिलेगी।’ उमर अब्दुल्ला ने यहां कहा कि उन्होंने हमारी बुनियादी कमजोरी का फायदा उठाया। मुझे पता था कि यह संभव है।
इसलिए 2014 के चुनाव के बाद, मैंने मुफ्ती मोहम्मद सईद की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। मैंने उनसे कहा कि आप जो रास्ता चुन रहे हैं वह जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। इस फैसले के बाद हमारा जीवित रहना बहुत मुश्किल होगा। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें इस गलत धारणा में नहीं रहना चाहिए कि मुझे सत्ता की लालसा है। मैं 6 साल तक सीएम की कुर्सी पर बैठा रहा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अगर नेशनल कांफ्रेंस की सरकार होती तो अनुच्छेद 370 व 35-ए नहीं हट पाता। बता दें कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।