खेतों में काम करने वाले एक मजदूर की बेटी के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में चयनित होने की जानकारी जब गांववालों को मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव की बेटी संध्या भिलाला की घर वापसी पर गांववाले भावुक हो गए और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया।
27 साल की संध्या अपनी पढ़ाई के लिए ट्यूशन पढ़ाती थी और अपने पिता की खेती के काम में मदद करती थी। गांव के लोग एसएसबी में शामिल होने को लेकर संध्या की हिम्मत और दृढ़ संकल्प की सराहना कर रहे हैं। अपनी इस सफलता पर संध्या का कहना है कि लड़कियों को कभी हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार मेहनत और संघर्ष जारी रखना चाहिए। संध्या इसी साल अप्रैल में चयन के बाद एसएसबी ट्रेनिंग के लिए गई थीं और लंबे अंतराल के बाद शनिवार को मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित अपने पैतृक गांव पिपलिया रसोदा लौटीं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ संध्या का वीडियो
राजस्थान से गांव लौटने के वक्त एसएसबी की यूनिफॉर्म पहने संध्या को स्थानीय लोगों ने माला पहनाई और ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि ग्रामीणों ने संध्या का स्वागत करते हुए घोड़े पर बिठाया। संध्या के स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में संध्या गांववालों के साथ डांस करते हुए भी दिखाई दे रही हैं।
भाई बोला- पहले से ही थी संध्या को SSB का जुनून
इसे लेकर संध्या ने कहा कि जब गांववालों ने स्वागत किया, वह उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था। संध्या के छोटे भाई उमेश भिलाला ने बताया कि एसएसबी में चुने जाने से पहले संध्या अपने पिता देवचंद भिलाला की खेत के काम में मदद करती थी। उमेश ने बताया, ‘इसके बाद संध्या हिंदी लिटरेचर में अपने पोस्ट ग्रेजुएशन की फीस देने के लिए ट्यूशन पढ़ाती थी।’ महिलाओं से सशस्त्र बलों में शामिल होने की अपील करते हुए संध्या के भाई ने कहा कि उनके परिवार को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा, ‘मेरी बहन को शुरू से ही सशस्त्र बलों में शामिल होने का जुनून था। उसने बहुत मेहनत की और अपना लक्ष्य हासिल किया। अब लोग हमारा सम्मान करने लगे हैं।’