भाजपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की 44 सीटों पर माहौल बनाने के लिए 100 नेताओं की टीम को उतारा है। इसी के तहत भाजपा ने जन विश्वास यात्रा की शुरुआत की है ताकि पश्चिम यूपी में खोये विश्वास को हासिल किया जा सके।
इसके तहत पार्टी जातिगत समीकरणों से लेकर क्षेत्रीय संतुलन तक को साधने का प्रयास कर रही है। 29 दिसंबर को यह यात्रा अमरोहा पहुंचेगी। यहां 100 वरिष्ठ नेताओं की टीम को 44 सीटों पर समीकरण साधने का जिम्मा दिया गया है। इसी कड़ी में अमरोहा, धनौरा, नौगावां सादात तथा हसनपुर विधानसभा में यात्रा इस महीने के अंत तक पहुंचने वाली है।
भाजपा संगठन की जिम्मेदारी संभाल रहे ऋषिपाल सिंह नागर ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू हो गई हैं। 29 दिसंबर को जनवश्विास यात्रा को गढगंगा-बृजघाट से रिसीव किया जाएगा। उसके बाद औद्योगिक क्षेत्र गजरौला स्थित रमाबाई डग्रिी कालेज के मैदान में कार्यक्रम होगा। हसनपुर के नुमाइश मैदान में कार्यक्रम के बाद अमरोहा तथा नौगावां सादात क्षेत्र में कार्यक्रम के बाद रीगल में यात्रा का ठहराव होगा। जनवश्विास यात्रा को लेकर किसानों में भारी उत्साह है। किसान आंदोलन से भाजपा को कोई हानि नहीं है, क्योंकि सरकार पहले ही किसानों की बात मान कर उनकी नाराजगी दूर कर चुकी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान द्वारा जनवश्विास यात्रा के साथ ही 100 वरिष्ठ नेताओं को जिला प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसके जरिए पार्टी की रणनीति यह है कि ये नेता चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बूथ प्रबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। नागर ने बताया कि अमरोहा जिले में आने वाले तमाम दिग्गजों की सूची अभी नहीं आई है। गौरतलब है कि किसान राजनीति का गढ़ समझे जाने वाले पश्चिम उत्तर प्रदेश के गुर्जर-जाट बाहुल्य वाली 44 विधानसभा क्षेत्र चुनावी दृष्टिकोण से अहम माने जा रहे हैं। इसमें अमरोहा, बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद , मेरठ, बागपत, शामली मुजफ्फरनगर तथा सहारनपुर शामिल हैं।
किसान आंदोलन के खत्म होने से भाजपा को उम्मीद
पश्चिम उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद के गठबंधन के अलावा किसान आंदोलन ने भाजपा की चिंताएं बढ़ा दी हैं। तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद समाप्त हुए आंदोलन से नई स्थिति पैदा हुई है और भाजपा को इसी में उम्मीद की किरण दिख रही है। भाजपा ने पश्चिम यूपी में अमित शाह को ही जिम्मा सौंपा है। इससे समझा जा सकता है कि वेस्ट यूपी को पार्टी कितनी गंभीरता से ले रही है।