Breaking NewsPolitics NewsUttar Pradesh

पीयूष जैन के घर खजाने की तलाश में सो नहीं रहे अफसर, 60 घंटे में आंख झपकाना हुआ मुश्किल

खुशबू के शहर में खजाने की तलाश में आई जीएसटी की विजिलेंस टीम पिछले लगातार 60 घंटे से सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस दौरान टीम के अफसरों को नींद लेना मुश्किल हो रहा है।

currency 621x414 1

 

कुछ हासिल करने की उम्मीद में लगातार काम में जुटे अफसरों को आंख झपकाने की भी फुर्सत नहीं मिल रही है। पीयूष जैन के मकान से देर रात तक चहलकदमी की आवाज बाहर आती है। साफ है कि सर्च ऑपरेशन में जुटे अफसर नींद नहीं ले रहे हैं। पहले कानपुर फिर अब कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर और कारोबारी ठिकाने पर खजाने की तलाश में जुटी जीएसटी की विजिलेंस की टीम शुक्रवार की दोपहर ही यहां आ गइ थी। उसी दिन शाम चार बजे टीम के सदस्य पीयूष जैन के मकान में दाखिल हुए थे। तब से अब तक 60 घंटे से भी ज्यादा समय गुजर चुका है।

FHWXq2BUcAE7V3p

विजिलेंस टीम का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। इस दौरान टीम के अफसर लगातार अपने-अपने काम में लगे हुए हैं। ताला खुलवाने से लेकर दस्तावेजों की पड़ताल करने वाले लोग लगातार काम कर रहे हैं। विजिलेंस टीम के साथ ही उनकी मदद में शामिल यहां के लोकल पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिसकर्मी भी तब से लगातार उनके ही साथ हैं। जरूरी काम से बाहर आने वाले पुलिसकर्मी बताते हैं कि वह तो कुर्सी पर बैठकर नींद ले लेते हैं, लेकिन विजिलेंस टीम के सदस्य लगातार काम कर रहे हैं। रात होने पर जरूर कोई सदस्य थोड़ी देर के लिए ब्रेक ले लेता है, लेकिन वह तब भी काम से मुंह नहीं मोड़ता है। पहले दिन तो सिर्फ 12 अफसर ही टीम में शामिल थे। अब हर रोज इसकी संख्या बढ़ रही है।

FHWXq2EVQAEkCu7

अपने ही घर में मेहमान बने हैं पीयूष के बेटे 

समय का फेर देखिए, अपने ही घर में उछलकूद करने वाले, अपने मुताबिक मस्ती और शरारत करने वाले पीयूष जैन के बेटे प्रत्यूष और मोलू पिछले तीन दिनों से अपने ही घर में मेहमान बने हुए हैं। वह न तो अपनी मर्जी से एक जगह सू दूसरी जगह जा सकते हैं न ही उन्हें बिना मर्जी के टॉयलेट जाने की इजाजत है। टीम के सदस्यों के इशारों पर ही वह लगातार मकान के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की तरफ जा रहे हैं। टीम के सदस्य अपनी जांच के मुताबिक जब चाहते हैं, जिधर चाहते हैं, उधर ले जाते हैं। इस दौरान उन्हें किसी से भी बात करने की इजाजत भी नहीं है। अपने मकान से बाहर निकलने पर वह मौजूद लोगों से भी नजर चुराते दिखते हैं। जब तक जांच पूरी नहीं जाती है, तब तक वह इसी तरह विजिलेंस टीम के ही इशारे को मानेंगे। जांच के बाद ही उन्हें राहत मिल सकती है। देर रात में उन्हें जरूर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में सोने की इजाजत मिलती है। लेकिन बाहर निकलने पर उनकी आंखों से पता चलता है नींद उनसे भी कोसों दूर है।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button