पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की रविवार देर रात्रि मुलाकात की चर्चाओं से राज्य की राजनीति गर्मा गई। दोनों नेता एक ही होटल में रुके रहे। हालांकि संपर्क करने पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हरीश रावत के साथ मुलाकात से इन्कार किया।
दरअसल कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी करने की चर्चाएं इंटरनेट मीडिया पर गाहे-बगाहे जोर पकड़ती रही हैं। हरक सिंह जिसतरह सरकार के कामकाज को लेकर असंतोष जताते रहते हैं, उससे भी ऐसी आशंका को बल मिलता रहा है। बीते शुक्रवार हरक सिंह रावत इस्तीफा देने की धमकी देते हुए मंत्रिमंडल की बैठक छोड़कर चले गए थे। हालांकि 24 घंटे बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ लंबी चली बैठक में उनकी नाराजगी दूर होने की बात सामने आई। खुद हरक सिंह रावत ने अपने वक्तव्य में इसे स्वीकार भी किया था।
अब हरक सिंह रावत की हरीश रावत के साथ मुलाकात को लेकर चर्चाएं हैं। बीते रविवार रात्रि हरक सिंह रावत शहर के बीचोंबीच स्थित एक होटल पहुंचे थे। वहां पहले उनकी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबियों के साथ मुलाकात हुई। इस मुलाकात की दोनों ही पक्षों ने पुष्टि की। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद हरक सिंह होटल के ही एक कमरे में चले गए। कुछ देर बाद इसी होटल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुंचे। हालांकि दोनों नेताओं की एक साथ बैठक नहीं होने की बात कही जा रही है, लेकिन राजनीतिक खींचतान के बीच हरक और हरीश रावत की एक ही होटल में मौजूदगी के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। चर्चाएं दोनों नेताओं की मुलाकात होने की भी हैं।
कोटद्वार में विकास का संदेश नहीं दे पाए हरक: हरीश रावत
चर्चाओं की पुष्टि किसी भी पक्ष ने नहीं की। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वह जब होटल पहुंचे तो उन्हें हरीश रावत के आने की जानकारी मिली थी, लेकिन उनकी हरीश रावत से कोई मुलाकात नहीं हुई। कुछ देर बाद ही वह होटल से चले भी गए थे। मुलाकात की चर्चाओं को उन्होंने निराधार बताया। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में विकास का कोई संदेश नहीं दे पाए। शायद भाजपा ने भी उन्हें कह दिया कि अपनी हालत में रहो। इसकी छटपटाहट उनमें दिखाई देती है।