उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) की राजधानी लखनऊ(Lucknow) में घरों की छतों पर तेंदुआ (leopard) के दिखने से इलाके में दहशत का माहौल है. रैपिड रेस्क्यू की 5 टीमें फिलहाल खाली हाथ हैं. अब तक तेंदुआ 15 लोगों को घायल कर चुका है.
फिलहाल वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रही है और वह अभी तक टीम के हाथ नहीं आया है. अवध वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डॉक्टर रवि कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ के कुकरैल रेंज के अन्तर्गत आदिल नगर एवं कल्याणपुर में 25 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद तेंदुआ देखा गया था. उसके बाद से तेंदुए की तलाश में लगी 5 रैपिड रेस्क्यू टीमों को कहीं पर भी तेंदुआ के पैर के निशान नहीं मिले हैं.
उन्होंने बताया कि बुधवार कोलखनऊ के कुकरैल रेंज के अन्तर्गत शिवानी विहार, निकट रामलीला मैदान में, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, तकरोही, सेक्टर 19 इन्दिरानगर तथा स्पोर्टस कालेज गुडम्बा आदि क्षेत्रों में वन्य जीव निकलने की सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी केपी सिंह एवं अन्य रेंज कर्मियों ने निरीक्षण किया लेकिन तेंदुआ के पैरों के निशान नहीं मिले. मड़ियांव गांव में भी वन्य जीव निकलने की सूचना मिली थी लेकिन यहां पर भी तेंदुए के पैरों के निशान नहीं मिले. अवध वन प्रभाग, लखनऊ की पांच रैपिड रेस्क्यू टीमों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली है.
लखनऊ में लोगों के घरों के छतों तक आकर आतंक फैलाने वाला तेंदुआ दो दिन से लापता है. वह किसी को नज़र नहीं आया है. अब तेंदुआ अपने इलाके में लौट गया या फिर वो कहीं घात लगाकर शिकार की तलाश कर रहा है, यह नहीं पता. तेंदुआ लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में घूमता दिखा है, इसलिए लोगों में ये डर भी है कि कहीं एक से ज़्यादा तेंदुए तो लखनऊ में घुस नहीं गए?