नीट पीजी काउंसलिंग का मामला जल्द सुलझने के आसार लग रहे हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो जल्द से जल्द इस मामले को निपटाए।
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण के लिए सालाना आमदनी की सीमा 8 लाख रुपये तय करने का फैसला लेते ही केंद्र सरकार नीट पीजी काउंसलिंग का मामला झटपट सुलझाने के प्रयास में जुट गई। केंद्र सरकार ने इस केस की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि मामले में अर्जेंसी है, ऐसे में सुनवाई मंगलवार को होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सोमवार की सुनवाई के बाद इस बारे में चीफ जस्टिस से बात करेंगे कि क्या संभव है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामला उठाया और कहा कि मामले में कुछ अर्जेंसी है। ऐसे में मंगलवार को सुनवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि 25 नवंबर को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि नीट पीजी की काउंसलिंग प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी जब तक केंद्र सरकार ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये की लिमिट पर दोबारा फैसला नहीं ले लेती है। सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने कहा था कि वह ईडब्यूएस के लिए आठ लाख रुपये की जो लिमिट तय कर रखी है उस बारे में दोबारा विचार करेगा और चार हफ्ते में दोबारा विचार कर फैसला लिया जाएगा, तब तक नीट की काउंसलिंग रुकी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस बयान को रेकॉर्ड पर लिया था और अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख तय कर दी थी।
सॉलिसिटर जनरल ने सोमवार को कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई की दरकार है। हमने याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दत्तार को भी इस बारे में सूचित किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने जब यह मामला उठाया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में बात यह है कि तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी और जस्टिस सूर्यकांत चीफ जस्टिस के साथ बैठते हैं और तीसरे जस्टिस विक्रम नाथ हैं। मामले में स्पेशल बेंच बैठे, इसके लिए चीफ जस्टिस से वह बात करेंगे। सोमवार को सुनवाई के बाद वह चीफ जस्टिस से कहेंगे कि संभव हो तो स्पेशल बेंच बैठे।