गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के मंत्री माइकल लोबो ने मंत्री पद और विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। लोबो के कांग्रेस का हाथ थामने की संभावना है। अपने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह पार्टी के कामकाज से नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने अपने फैसले के लिए केंद्र या राज्य के किसभी भी नेताओं को दोष नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ”मैंअपने साथ हो रहे व्यवहार से परेशान था। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अंदेखी होती है। मैंने अपनी आंखों से देखा है, कानों से सुना है। पार्टी इतनी बड़ी हो गई है कि उसे अब जमीनी कार्यकर्ताओं के योगदान का कद्र नहीं है। कई लोग मेरे पास शिकायत करने आए थे। पार्टी में उतार-चढ़ाव होते हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं हो सकती है।”
लोबो ने कहा, “मैं यह लंबे समय से कह रहा हूं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। लेकिन मुझे लगा कि हमें दरकिनार कर दिया गया है।”
लोबो ने कहा कि वह कई राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनका भविष्य क्या है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोबो, प्रमोद सावंत कैबिनेट के अधिक मुखर सदस्यों में से एक थे। पार्टी से इस्तीफा देने वाले तीसरे ईसाई विधायक हैं। तीनों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से पार्टी ने एक अलग मोड़ लिया है।
लोबो के कांग्रेस में शामिल होने की खबर है और कांग्रेस नेता इस बात की पुष्टि करते हैं कि लोबो पार्टी में संभावित प्रवेश से पहले कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं। लोबो ने कहा, “यह अभी भी पूरी तरह से अंतिम रूप नहीं दिया गया है कि मैं क्या कदम उठाने जा रहा हूं। मैं अन्य राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहा हूं।”
लोबो से पहले बीजेपी के दो विधायकों अलीना सलदान्हा और कार्लोस अल्मेडा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सलदान्हा आप में शामिल हो गए। उन्हें उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया है। वहीं, अल्मेडा कांग्रेस में शामिल हो गई हैं।
आपको बता दें कि रविवार को पार्टी में निर्दलीय विधायक प्रसाद गांवकर ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है।