यूपी चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफ के बाद तीन और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। कानपुर देहात से भाजपा विधायक भगवती सिंह सागर और बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
शाहजहांपुर से तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा भी भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए हैं। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की खबर के बाद भगवती सिंह सागर, ब्रजेश प्रजापति समेत कई विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर डेरा जमा रखा है। रोशनलाल वर्मा ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। उधर अन्य विधायकों के भी समाजवादी पार्टी के साथ जाने की चर्चा चल रही है। भाजपा छोड़ने के बाद रोशन लाल वर्मा ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य जहां जाएंगे उनके साथ रहूंगा। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा सरकार में हमारी उपेक्षा हुई है। उन्होंने कहा, यूपी में भाजपा की सरकार नहीं अधिकारियों की सरकार थी। लोक भवन में दो-दो घंटे बैठाया जाता था। रोशनलाल वर्मा ने मंत्री सुरेश खन्ना पर भी उपेक्षा का आरोप लगाया।
चार और विधायक छोड़ सकते हैं भाजपा!
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शुरू हुए इस्तीफे का दौर अब बढ़ता जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद तीन और विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद कई और विधायकों के नाम चर्चा में आए हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के चार और ऐसे विधायक हैं जो पार्टी छोड़ सकते हैं। इनमें ममतेश शाक्य, विनय शाक्य, धर्मेन्द्र शाक्य ओर नीरज मौर्य का नाम चल रहा है। हालांकि अभी इन नामों पर पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल को भेजा इस्तीफा
योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर यह जानकारी दी। मौर्य ने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा, महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण यूपी के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे।