स्वामी प्रसाद मौर्य Vs केशव प्रसाद मौर्य… कौन बनेगा यूपी में मौर्य वोटों का बाजीगर?

उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक परिदृश्य में मकर संक्रान्ति का अपना महत्व है, ये दिन इसलिए खास है क्योंकि इसी दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है… लेकिन मकर संक्रान्ति से हफ्ते भर पहले यूपी की सियासत में उठापटक तेज हो गई और इस उठापटक में सियासी मंच पर स्वामी प्रसाद मौर्य अगुवा बनकर उभरे, 2016 में बसपा से बीजेपी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी की योगी सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वे 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति के दिन अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ज्वॉइन करेंगे.

Swami Prasad Maurya Joins Samajwadi Party With Many Bjp Mlas. - भाजपा में  चिंता: स्वामी प्रसाद मौर्य से डिप्टी सीएम केशव मौर्य की अपील, कहा- जल्दबाजी  में न लें निर्णय - Amar

गौर करने वाली बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की खबर आई तो यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर उनसे अपने फैसले पर विचार करने और बैठकर बात करने की अपील की. केशव मौर्य का ये ट्वीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गैर-यादव ओबीसी (कुशवाहा, शाक्य, मौर्य) को अपने पाले में खींचने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य और केशव प्रसाद मौर्य को आगे किया था. उन्हें चेहरा बनाया था. पांच साल पहले केशव और स्वामी एक ही रथ के सारथी थे, लेकिन अब वे एक दूसरे के प्रतिरोध में खड़े हैं, ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि दोनों नेताओं में किसकी पकड़ गैर यादव ओबीसी वोटों पर ज्यादा है और कौन अपनी पार्टी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है.

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Khursheed Khan Raju

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