देश का आम बजट आने में महज हफ्ते भर का समय बाकी रह गया है। 1 फरवरी 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगे। यह 2014 में सत्ता में आने के बाद जहां मोदी सरकार का 10वां, वहीं वित्त मंत्री के तौर पर सीतरमण का चौथा बजट होगा। कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर और बढ़ती महंगाई की मार के बीच इस बजट के लोक-लुभावन होने की उम्मीद की जा रही है। अर्थशास्त्रियों, इंडिया इंक., कर विशेषज्ञों और वेतनभोगी वर्ग को बजट 2022 से ये 13 प्रमुख उम्मीदें हैं।
1- कोरोना के चलते ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे है। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक, इंटरनेट चार्ज, किराया, फर्नीचर आदि पर खर्चा बढ़ गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने भी वर्क प्रॉम होम के तहत घर से काम करने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट देने का सुझाव दिया है। उममीद है कि वित्त मंत्री इस पर बड़ा एलान कर सकती हैं।
2- महामारी की शुरुआत के बाद से स्वास्थ्य बीमा लोगों की सूची में प्राथमिकता बन गया है। बीमा विशेषज्ञ चाहते हैं कि स्वास्थ्य कवर को 5% जीएसटी स्लैब में रखा जाए ताकि इसे और अधिक किफायती बनाया जा सके। जीएसटी दर में यह कमी अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए सक्षम और प्रोत्साहित करेगी।
3- ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है। यह चाहता है कि कम ब्याज दरों पर ईवी को चुनने के लिए अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से अपनी बजट मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को सुझाव सौंपे गए हैं।
4- हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिसपर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर हुआ है। इस महामारी के प्रकोप का खामियाजा भुगत रहे हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को बजट 2022 में एक बहाल जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है। वहीं, सेक्टर रेस्टोरेंट व्यवसाय को एक और लॉकडाउन से बचाने के लिए एक सिस्टम चाहता है।
5- बैंक और एमएसएमई उद्योग क्षेत्र आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के अनुरूप समर्थन की मांग कर रहे हैं, जिसमें बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए गए ऋणों पर राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी द्वारा 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी शामिल है।
6- एफएमसीजी क्षेत्र की इच्छा है कि सीतारमण लोगों के हाथों में पैसा देना जारी रखें, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इस क्षेत्र की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद वित्त मंत्रालय को अपने सुझाव भेजे गए हैं। क्षेत्र को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस ओर विशेष ध्यान देंगी।
7- विमानन उद्योग कम से कम 2 वर्षों के लिए कर छूट और न्यूनतम वैकल्पिक कर के निलंबन की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा, महामारी प्रभावित एयरलाइंस भी न्यूनतम वैकल्पिक कर को निलंबित करना चाहती हैं। कोरोना महामारी ने विमानन क्षेत्र को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
8- स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म्स की भी बड़ी उम्मीदें बजट पर टिकी हैं। वे प्रतिभूति लेनदेन कर में कमी चाहते हैं। शेयर बाजार से विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म कर देना चाहिए या इसमें कमी करनी चाहिए।
9- क्रिप्टोकरेंसी के प्रति लोगों की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। सरकार की ओर से क्रिप्टो बिल का मसौदा भी तैयार किया है। ऐसे में इस मामले में लोग घरेलू क्रिप्टो और ब्लॉकचैन स्टार्टअप कराधान, कानून, छूट और नियमों जैसे मुद्दों पर स्पष्टता चाहते हैं।
10- उद्योग निकाय इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन ने स्टार्टअप्स के लिए एक नई परिभाषा प्रस्तावित की है। स्टार्टअप्सकी मांग है कि सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में छोटे कारोबारियों को और सहायता देकर उद्यमियों को सशक्त बनाने के कदम उठाने के अलावा अतिरिक्त स्टार्टअप्स अनुकूल नीतियों तथा कर रियायतों को बढ़ावा देना चाहिए।
11- जलवायु परिवर्तन के समय-समय पर सुर्खियों में रहने के साथ, भारत का नवीकरणीय क्षेत्र निवेश-आधारित कर प्रोत्साहन की तलाश में है। वे भंडारण खंड में अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी अपनाने और निवेश के प्रोत्साहन की तलाश कर रहे हैं।
12- मौजूदा मानक कटौती सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर कम से कम 75,000 रुपये और अधिकतम 1 लाख रुपये करने की आवश्यकता भी बजट 2022 से एक उम्मीद है। वेतन भोगियों को उम्मीद है की इसको बढ़ाया जाए। इसे बढ़ाए जाने से वेतन भोगियो को सीधा-सीधा कर लाभ होगा।
13- इस बार भी देश का आम बजट कोरोना महामारी के साये में पेश होने वाला है। इस बार विशेषज्ञ कोविड-19 में बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए वेल्थ टैक्स और विरासत कर को फिर से शुरू किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।