UP Election : उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 159 उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी कर दी है. करहल से जहां अखिलेश यादव मैदान में उतरेंगे, वहीं, जेल में बंद आजम खां अपनी पारंपरिक रामपुर सीट से ताल ठोकेंगे. सपा की लिस्ट में भाजपा की तरह ही ओबीसी समुदाय पर अधिक फोकस किया गया है. जिस तरह से भाजपा और सपा ने ओबीसी वोट बैंक पर फोकस किया है, ऐसा लग रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव ओबीसी वोटों की बिसात पर ही लड़ा जाएगा. समाजवादी पार्टी की 159 उम्मीदवारों की लिस्ट में 66 सीटों पर ओबीसी समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. भाजपा ने अबतक 76 ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
जबकि मुस्लिम समुदाय से 31 कैंडिडेट मैदान में उतरेंगे. ओबीसी के 66 उम्मीदवारों में यादव समुदाय से 20 कैंडिडेट और गैर-यादव ओबीसी से 46 कैंडिडेट अपनी किस्मत आजमाएंगे. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 11 ब्राह्मणों को भी टिकट दिया है. तो चलिए जानते हैं सपा ने किस समुदाय से कितने उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
सपा के 159 उम्मीदवारों की लिस्ट में किस समुदाय से कितने उम्मीदवार
-ओबीसी- 66 (यादव- 20, ग़ैर यादव ओबीसी- 46)
-दलित- 32
-मुस्लिम- 31
-ब्राह्मण- 11
-वैश्य/कायस्थ- 9
-ठाकुर- 5
-सिख- 3
-अन्य- 2
-महिलाएं -12
यूपी में कब-कब वोटिंग
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है. इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी. दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा. उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा. वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
पिछले चुनाव के नतीजे
2017 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन यानी बीजेपी प्लस को कुल 325 सीटें मिली थीं. इनमें से अकेले 312 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी. वहीं बीजेपी गठबंधन की अन्य दो पार्टियों में अपना दल (एस) ने 11 सीटों में नौ सीटें और ओपी राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने आठ में से चार सीटें जीती थीं. वहीं सपा और कांग्रेस गठबंधन को मात्र 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस महज सात सीट जीतने में सफल हो पाई थी. इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को केवल 47 सीटों पर जीत मिली. वहीं बसपा ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. रालोद को एक सीट और अन्य के खाते में 4 सीटें गई थीं.