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Cryptocurrency Tax: क्रिप्टो में निवेश पर होने वाले नुकसान के खिलाफ कोई सेट ऑफ नहीं, जानें 1 फीसदी टीडीएस का क्या है फार्मूला

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में काफी समय से चर्चा का विषय रहे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा एलान किया और इससे होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया। इसके साथ ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर भी 1 फीसदी टीडीएस काटने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि क्रिप्टो में निवेश पर होने वाले नुकसान के खिलाफ कोई सेट ऑफ नहीं है यानी निजी डिजिटल असेट या क्रिप्टोकरेंसी के हस्तानांतरण से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के खिलाफ सेट कतई नहीं किया जा सकता।

क्रिप्टो से आय का इतना हिस्सा कटेगा 
वित्त मंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी शब्द का इस्तेमाल कहीं नहीं किया, लेकिन वर्चुअल करेंसी और डिजिटल असेट पर हुए एलान से उनका इशारा इसी ओर माना जा रहा है। वित्त मंत्री ने वर्चुअल करेंसी या डिजिटल असेट से होने कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया। इसे ऐसे समझें कि मान लीजिए आपने क्रिप्टोकरेंसी में 1 लाख रुपये का निवेश किया, इस निवेश के बाद आपको 50 हजार रुपये का फायदा हुआ, तो सरकार टैक्स के रूप में इस 50 हजार रुपये के मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स काटेगी यानी क्रिप्टो से आपको हुई इस कमाई में से 15000 रुपये सरकार के खाते में जाएंगे। क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला जरूर है लेकिन भारत के क्रिप्टो निवेशक इसे सरकार का एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। यह कदम अंततः निवेशकों को इस जोखिम भरे क्रिप्टो बाजार में अपना पैसा लगाने का निर्णय लेते समय दो बार सोचने के लिए मजबूर करेगा।

उपहार में लेने वाले पर लगेगा टैक्स
इसके अलावा वित्त मंत्री ने एसी संपत्ति को उपहार में देने के मामले में भी भारी-भरकम 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा अपने बजट भाषण में की है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर आप किसी को 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार स्वरूप देते हैं, तो जिसे आप ये कीमती उपहार दे रहे हैं यानी इसे पाने वाले पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लागू होगा। आप 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार में देंगे तो ऐसे में उसे इसका 30 फीसदी या 30,000 रुपये सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा।

1 फीसदी टीडीएस का कैलकुलेशन
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यह दरअसल इनकम टैक्स का ही एक हिस्सा है। सरकार की घोषणा की बात करें तो किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर आपको 1 फीसदी का टीडीएस भरना होगा। आसान भाषा में समझें तो अगर आपने 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन किया तो इस लेन-देन की रकम आपके खाते में आने पर उससे 1 फीसदी टीडीएस के तौर पर काट लिए जाएंगे। टीडीएस कटने से सरकार को आपके खाते से किए गए क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा मिल जाएगा। मतलब एक प्रकार से टीडीएस दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर नजर रखने के लिए लगाया गया है।

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