दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के फैसले के बाद करीब 5500 जिम संचालकों सहित पांच लाख लोगों ने राहत की सांस ली है। सेहतमंद रहने के लिए जिम पहुंचने वाले लाखों लोगों की जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटने की उम्मीद है। कोविड से बचाव के लिए एहतियातन अपने साथ तौलिया, सैनिटाइजर और पानी भी रखना होगा। कुछ बड़े जिम में थर्मल स्क्रीनिंग और ऑक्सीजन लेवल की जांच के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा।
जिम संचालकों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान अब तक करीब 10 महीने जिम बंद रहने से कारोबार में करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। दिल्ली जिम एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि अब 40 दिन बाद जिम खोलने की अनुमति मिलने से काफी राहत मिली है। लंबे समय तक जिम बंद होने की वजह से सामाजिक, मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
हालांकि, अभी हालात सामान्य होने में एक महीने का वक्त लग सकता है। लोगों को सेहतमंद रखने में जिम की अहम भूमिका है, इसलिए यहां आने वालों को भी फिट रहने का मौका मिलेगा। जिम में कोविड से बचाव के लिए सभी तरह के एहतियातों का पालन किया जाएगा। सरकार से आग्रह है कि इस कारोबार को आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखना चाहिए। जिम बंद रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चिराग सेठी ने कहा कि 28 दिसंबर, 2021 से दिल्ली के सभी जिम बंद हैं। इस दौरान किराया, बिजली, पानी के साथ-साथ कर्मियों को भी वेतन का भुगतान करना पड़ा। अब दोबारा से इसकी शुरुआत की तैयारी है। औसतन एक जिम मालिक को दो लाख रुपये का मासिक नुकसान हुआ है।
15-20 फीसदी लोगों को वित्तीय तंगी और जरूरी खर्च के कारण जिम बंद करने पड़े। अधिकांश राज्यों ने एक दिन के लिए भी जिम बंद नहीं किए हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई कमी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री से हमारा अनुरोध है कि बिजली, पानी पर फिक्स चार्ज माफ कर दे, ताकि वित्तीय संकट से जूझ रहे जिम संचालकों को उबरने का मौका मिल सके।
चेन एनीटाइम फिटनेस के प्रबंध निदेशक विकास जैन ने कहा कि पहले लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी थी और दूसरे में भारी नुकसान से जूझना पड़ा। उन्होंने जिम खोलने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फिटनेस सेंटर पहुंचने के लिए स्लॉट बुक करा सकते हैं। प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग और ऑक्सीजन लेवल की जांच की जाती है।
अशोक विहार में ग्रेविटास जिम के प्रोपराइटर जुहैब राणा ने कहा कि प्रशिक्षकों और कर्मियों के वेतन के साथ लॉकडाउन के दौरान बिजली, पानी सहित सभी जरूरी खर्च करने पड़े। इससे वित्तीय स्थिति और खराब हो गई है।