यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (यूपीआईडी) नोएडा में एकेटीयू के कुलपति प्रो . प्रदीप कुमार मिश्रा ने इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए सफल उद्यमियों को साथ बैठक का आयोजन किया। इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए कई सफल उद्यमियों को आमंत्रित किया गया जिनमे टेक मशीनरी लैब्स के सह-संस्थापक और इंडियन बायोगैस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव केडिया, ब्रिजडॉट्स के सह-संस्थापक निखर जैन, इप्सेटर के सह-संस्थापक वैभव सक्सेना और रेल यात्री संस्थापक टीम के सदस्य वैभव जैन, आरईसी अम्बेडकर नगर निदेशक एवं इंचार्ज, इन्क्यूबेशन प्रो संदीप तिवारी शामिल थे।
उद्यमियों को अपने अनुभव साझा करने और प्रस्तावित इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के लिए एक ढांचा विकसित करने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया गया था। बैठक के दौरान उद्यमियों ने संबंधित उत्पादों और व्यावसायिक योजनाओं को विकसित करने के लिए व्यावसायिक विचारों की शॉर्टलिस्टिंग और मूल्यांकन में मदद करने का आश्वासन दिया।
बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि स्टार्टअप को बाजार के लिए तैयार करने के लिए सक्षम टीम तैयार करना आवश्यक है, जिसमें टीम के सदस्यों का उचित कौशल विकास शामिल होगा। स्टार्टअप्स को फंड जुटाने में मदद करने के लिए नेटवर्क डेवलपमेंट की बात की गई। कॉलेजों में नोडल केंद्र विकसित करने का सुझाव दिया गया जहां विशिष्ट प्रौद्योगिकी सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं जिनका उपयोग इन्क्यूबेशन के लिए किया जा सकता है ।
बैठक के दौरान यह महसूस किया गया कि ज्यादातर कॉलेज स्टार्टअप और इनक्यूबेशन पर जोर नहीं देते जो कि वर्तमान समय की जरूरत है।
बैठक के दौरान यह सुझाव दिया गया कि जब छात्र अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हों तो उन्हें कॉलेज में रहने की सुविधा भी मिलनी चाहिए, जिससे प्रो पीके मिश्रा पूरी तरह सहमत हुए ।
प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि एकेटीयू विशेष रूप से उत्पाद के निर्माण, प्रशिक्षण और उपयोग में सुधार की दिशा में काम कर रहा है । उन्होंने कहा कि एक छात्र के लिए अपने इनोवेशन प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए एक लैब स्थापित करना बहुत मुश्किल है, और हम उस छात्र को सुविधाएं प्रदान करके उसका समर्थन कर सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक समान उद्देश्य के लिए एक साथ आने की इच्छा होनी चाहिए और इनक्यूबेशन सेंटर पर काम शुरू करने के लिए नोएडा एक अच्छी जगह है।