देश मे हिजाब विवाद का मामला अब लगातार बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक के एक कॉलेज में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर शुरू किए गए विरोध की आंच पंजाब समेत कई राज्यों में भी पहुंच गई है।लुधियाना में मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब मार्च निकाला।
आपको बताते की ये मार्च सिविल अस्पताल रोड से ब्राउन रोड, सुभानी बिल्डिंग, जामा मस्जिद जेल रोड होते हुए निकाला गया। इससे पहले ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शाही इमाम पंजाब मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी कहा कि, हम कर्नाटक की उस बहादुर बेटी मुस्कान को सलाम पेश करते हैं कि जिसने दर्जनों फिरका प्रस्तों का अल्लाह-हु-अकबर की आवाज के साथ मुंह तोड़ जवाब दिया। उन्होने कहा कि, मुस्कान ने बुजदिलों को स्पष्ट बता दिया है कि बेटियां डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि बेटी पढ़ाओ और दूसरी तरफ बेटियों को सिर्फ हिजाब की वजह से पढ़ने से रोकने की कोशिश की जा रही है। जबकि हिजाब और बुरका आज नहीं आया है, इसे पढ़ाई के साथ-साथ सदियों से मुस्लिम बेटियां पहनती आ रही हैं तो फिर अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि इस पर राजनीति शुरू कर दी गईं है।
वहीं भोपाल के काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने सभी मुस्लिम महिलाओं से बुर्का और हिजाब पहनने की अपील की। यह अपील भोपाल की एक मस्जिद से की गई है की जिसमें कहा गया कि मुस्लिम महिलाएं शहर में बुर्का और हिजाब पहनने में अनिच्छा दिखा रही हैं, जबकि इसे रोज पहनना चाहिए। उन्होंने सलाह दी है कि, मलिक (अल्लाह) के निर्देश का पालन करना महिलाओं के पक्ष में है और इसलिए बुर्का और हिजाब पहनना मुस्लिम महिलाओं की आदत होनी चाहिए। इस बीच, काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने भोपाल में मौलवियों को नमाज के दौरान मस्जिदों से इसी तरह की अपील करने का निर्देश दिया है।मस्जिदों से इसी तरह की अपील करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि, मुसलमान बुर्का और हिजाब पहनने के नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, हालांकि, लोगों को याद दिलाने के लिए समय-समय पर मस्जिदों से घोषणा की जानी चाहिए। आपको बताते की काजी ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद चरम सीमा पर चल है।