हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने यह कहते हुए छात्राओं की याचिका खारिज कर दी कि हिजाब इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है। चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बेंच ने अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला सुनाने से पहले तीन सवालों पर विशेष ध्यान दिया गया। उनका उत्तर तलाशने के बाद ही याचिकाओं को खारिज किया गया है।
वे तीन सवाल हैं-
1- क्या इस्लाम में हिजाब पहनना आवश्यक बताया गया है?
2- क्या स्कूल और कॉलेज में यूनिफॉर्म लागू होने से मौलिक अधिकारों का हनन होता है?
3- कर्नाटक हाई कोर्ट ने 5 फरवरी को जो फैसला सुनाया था वह संविधान के आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन करता है। बता दें कि 5 फरवरी को कोर्ट ने कहा था कि जब तक फाइनल डिसिजन नहीं लिया जाता स्कूल और कॉलेज में कोई हिजाब पहनकर नहीं जाएगा।
कोर्ट ने दिए इन सवालों के जवाब-
1- इस्लाम में हिजाब पहनने को जरूरी नहीं बताया गया है और यह आवश्यक प्रथा नहीं है।
2- स्कूल और कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करना गलत नहीं है और इस पर छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं कर सकती हैं।
3- सरकार के पास आदेश देने का अधिकार होता है।
सुवाई के दौरान छात्रों की तरफ से कहा गया कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा है और इसपर रोक लगाना संविधान के आर्टिकल 19 और 25 का उल्लंघन करता है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर इस बात को मान लिया जाएगा तो सभी मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनना पड़ेगा। इसलिए महिलाओं की अपनी स्वतंत्रता का ध्यान रखते हुए ऐसा फैसला नहीं सुनाया जा सकता।