बिहार के कटिहार ज़िले में रामनवमी के मौक़े की एक तस्वीर और वीडियो वायरल हो रहा है. तस्वीर और वीडियो में कटिहार के फकीरतकिया चौक पर एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद के सामने युवा मानव शृंखला बनाए दिख रहे है.
जानेमाने लेखक असगर वजाहत से लेकर अभिनेत्री स्वरा भास्कर तक ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को उम्मीद से भरा बताते हुए लिखा है कि हमें ऐसी ही मानवता चाहिए.
बीबीसी ने इस तस्वीर के संबंध में ये जानने की कोशिश की कि पूरा मामला क्या है? जहां की ये तस्वीर है वहां क्या हुआ था और सोशल मीडिया पर जो बातें हो रही हैं, उसमें कितनी सच्चाई है?
क्या कहते हैं आयोजक
बिहार की राजधानी पटना से क़रीब 300 किलोमीटर दूर कटिहार में भी बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के मौक़े पर जुलूस निकला था. इस जुलूस का आयोजन बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद सहित अन्य हिन्दू संगठनों ने किया था.
विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री रितेश दूबे बीबीसी हिंदी को बताते हैं, “मस्जिद को बचाने के लिए हमने ह्यूमन चेन (मानव शृंखला) नहीं बनाई थी. हमारी शोभायात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसलिए हम लोग ह्यूमन चेन बनाकर शोभायात्रा निकाल रहे थे.”
सात किलोमीटर लंबा ये जुलूस दोपहर डेढ़ बजे के क़रीब शुरू होकर शाम 7 बजे ख़त्म हो गया था. जो तस्वीरें और वीडियो बीबीसी के पास उपलब्ध हैं, उसमें इस शोभायात्रा या जुलूस में बड़ी तादाद में लोग शामिल दिख रहे है जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
यह जुलूस रामनवमी के अन्य आयोजनों की तरह ही लाठी-तलवारों के साथ निकला था, जिसे आयोजक अपने आराध्य यानी राम के पारंपरिक शस्त्र बताते हैं. कटिहार में रामनवमी का जुलूस जिस रास्ते निकाला गया उस रास्ते में दो मस्जिदें पड़ती हैं. पहली एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद है और दूसरी मस्जिद बाटा चौक पर है. वायरल तस्वीर या वीडियो एमजी रोड स्थित जामा मस्जिद की है.
42 साल के रितेश बीते 12 साल से विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री हैं, वो बार-बार ‘जुलूस’ शब्द के इस्तेमाल पर ऐतराज जताते हैं. वो कहते हैं, “जुलूस उर्दू शब्द है, हम शोभायात्रा निकालते हैं.”