पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर दिए गए पुराने बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.
वजह है उनका बीजेपी में शामिल होना.
जिस बीजेपी के खिलाफ़ पाटीदार आंदोलन खड़ा करके वो नेता बने, जिस बीजेपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी उनकी वजह से गई, जिस बीजेपी नेतृत्व को पहले वो ‘गुंडा’ कह कर संबोधित करते नहीं थकते थे, जिस बीजेपी ने उन पर देशद्रोह जैसा संगीन आरोप लगाया – आज उसी बीजेपी का उन्होंने दामन थाम लिया.
वैसे राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता. इस नाते बीजेपी के कुछ नेता भी बाहें फैलाकर हार्दिक का स्वागत करते नज़र आए.
लेकिन बीजेपी के पुराने नेताओं के दिल उनसे मिल पाएंगे या नहीं, ये देखना अभी बाक़ी है.
बीजेपी ने ‘हार्दिक’ स्वागत
गुजरात में चर्चा है कि हार्दिक पटेल को पार्टी में शामिल करने का फैसला केंद्रीय नेतृत्व ने लिया है.
इस वजह से राज्य बीजेपी हार्दिक पटेल की जॉइनिंग को लेकर दो खेमों में बंटी है. जाहिर है इस बात को कोई स्वीकार नहीं कर रहा.
बीबीसी हिंदी ने बात करते हुए गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता यगनेश दवे ने उनके पुराने बयानों पर और बीजेपी ज़्वाइन करने पर कहा, ” वो बयान तब के हैं जब वो कांग्रेस के नेता थे और जब वो पाटीदार समाज के लिए आंदोलन कर रहे थे. तब उन्होंने वो बयान दिए थे. जो प्रश्न लेकर वो निकले थे, उसमें से कोई प्रश्न अब बचा नहीं है. उनकी जो डिमांड थी, उसका हल भी निकल गया है.
अब वो कांग्रेस भी छोड़ चुके हैं. हार्दिक, नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवाद की विचारधारा को अपना कर बीजेपी में शामि्ल हो रहे हैं, तो हमें कोई दिक़्क़त नहीं है. इनसे पहले भी कांग्रेस के कितने नेता पहले भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. हमने उनका भी स्वागत किया है.”
क्या हार्दिक के पुराने बीजेपी के नेताओं को उनके प्रति असहज नहीं बनाते?
इस सवाल के जवाब में यगनेश दवे कहते हैं, ” साल 1990 पूरे देश में 1 करोड़ लोग बीजेपी को वोट देते थे, अब 33 करोड़ लोग बीजेपी को वोट देते हैं. जो मतदाता अब हमारे साथ जुड़े वो भी कभी कांग्रेस के साथ थे. पहले ये मतदाता भी बीजेपी के लिए ख़राब ही बोल रहे थे.
लेकिन जब उनको हमारा काम दिखता है, हमारी विचारधारा सही लगती है, तो वो हमसे जुड़ते हैं. वैसे ही हार्दिक भी हमसे जुड़े हैं. बीजेपी जैसे नए मतदाताओं का स्वागत करती है वैसे ही हार्दिक का भी स्वागत है.”
हार्दिक पटेल ने 18 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दिया और 2 जून को बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. यानी हार्दिक की विचारधारा का ये परिवर्तन महज़ 20 दिनों की देन है.