मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को इंसेफेलाइटिस से प्रभावित हाईरिस्क वाले 18 जिलों में मानिटरिंग के आदेश दिए हैं। उन्होंने सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता को भी बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के बस्ती-गोरखपुर मंडल के 38 जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रभावी रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीते पांच वर्ष में जेई से असमय मृत्यु पर 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसके बावजूद निरंतर सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इन जिलों में ब्लॉक स्तर पर इंसेफेलाइटिस केयर सेंटर, पीकू बेड्स, चिकित्साकर्मी हैं। पीडियाट्रिक आईसीयू के सफल संचालन के लिए जिलों में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्सेज व एईएस और जेई प्रयोगशालाओं में टेक्नीशियन की संख्या पर्याप्त हो और उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उच्चाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में बीते पांच सालों में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 95 फीसदी की गई है। यूपी में बीमारियों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियानों की सफलता का परिणाम है कि प्रदेश में प्रति 1,000 की जनसंख्या पर एक से भी कम लोगों में मलेरिया से ग्रसित पाए गए, जबकि कालाजार रोग 22 चिन्हित ब्लॉक में हर 10,000 की आबादी में एक से कम लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई। यूपी जल्द ही कालाजार मुक्त हो जाएगा और मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण करने के लक्ष्य के बेहद करीब है।