ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और उसमें मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर प्रतिबंध समेत तीन बिंदुओं पर सिविल जज (फास्ट ट्रैक) की कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। पिछली तिथि पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने याचिका की कॉपी वादी अधिवक्ता से प्राप्त की था। ताकि याचिका पर जवाब दाखिल किया जा सके।
विश्व वैदिक सनातन संघ की महासचिव और आदि विश्वेश्वर की वाद मित्र किरण सिंह, वादी विकास साह व विद्याचंद ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में 77 पेज और 122 पैरा में वाद दिया था। उसमें मांग की गई है कि मुस्लिम पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश से प्रतिबंधित किया जाए, ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को पूजा-पाठ करने के लिए सौंपा जाए और भगवान आदिविश्वेश्वर की प्रतिदिन पूजा-अर्चना तत्काल शुरु की जाए।
वादी ने कोर्ट कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट की भी दलील दी। मामल में सुनवाई 30 मई को होनी थी, लेकिन जिला जज ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट महेन्द्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानांतरित कर दिया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई पर वादी ने अपना पक्ष रखना शुरू किया तो प्रतिवादी अधिवक्ता ने विरोध किया कि उन्हें वाद की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है। वाद पत्र की प्रति मिलने के बाद प्रतिवादी अधिवक्ता ने समय देने का अनुरोध किया। अदालत ने जून में सिविल की सुनवाई बंद रहने के ध्यान में रखते हुए आठ जुलाई को तिथि निर्धारित कर दी थी।