केंद्रीय रेल मंत्रालय ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन के कारण इस साल भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्रालय ने आगे कहा कि अन्य आंदोलनों के कारण 2019 से 2021 के बीच रेलवे को भी 1,117 का नुकसान हुआ था।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा के सवालों के जवाब में कहा, “वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना के कारण हुए आंदोलन की वजह से भारतीय रेलवे को ₹259.44 करोड़ का नुकसान हुआ।”
वैष्णव ने आगे बताया कि रेलवे ने ट्रेनों के रद्द होने के कारण यात्रियों को 14 से 30 जून, 2022 के बीच लगभग 102.96 करोड़ रुपये का कुल रिफंड दिया था। 2019 में रेलवे को ₹151 करोड़, 2020 में ₹904 करोड़ और 2021 में ₹62 करोड़ का घाटा हुआ।
उपद्रवियों की हो रही पहचान
आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ 2019 में कुल 95, 2020 में 30 और 2021 में 34 मामले दर्ज किए गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “नुकसान की सभी घटनाओं में मामले दर्ज किए गए हैं और अपराधियों की पहचान की जा रही है।उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इन मामलों की जांच पर वरिष्ठ अधिकारी कड़ी निगरानी रखते हैं।”
उन्होंने कहा कि रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ), राज्य पुलिस और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) रेलवे परिसर में और चलती ट्रेनों में अपराध को रोकने, मामले दर्ज करने, जांच करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमित समन्वय बनाए हुए हैं।
बिहार-तेलंगाना में सबसे अधिक नुकसान
बयान में कहा गया है कि नुकसान की भरपाई के लिए अभी तक कोई वसूली नहीं की गई है। बिहार और तेलंगाना उन राज्यों में शामिल हैं जहां इस साल जून तक कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सबसे ज्यादा तबाही हुई है।
वैष्णव ने यह भी कहा कि इस साल विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए या घायल हुए यात्रियों और उनके परिवारों के लिए मुआवजा नहीं दिया गया है।