कृषि कानून क्रूर थे, तो ‘अग्निपथ’ योजना विनाशकारी है; संयुक्त किसान मोर्चा रविवार से शुरू करेगा राष्ट्रव्यापी मुहिम

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सेना में भर्ती संबंधी केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ रविवार से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा। यह मुहिम रिटायर्ड सैन्य कर्मियों के ‘यूनाइटेड फ्रंट’ और विभिन्न युवा संगठनों के सहयोग से शुरू की जाएगी।

‘स्वराज इंडिया’ के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि मुहिम के तहत पहला कदम उठाते हुए सात अगस्त से 14 अगस्त तक ‘जय जवान जय किसान’ सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

यादव ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मुहिम का लक्ष्य लोगों को विवादास्पद अग्निपथ योजना के विनाशकारी परिणामों के बारे में बताना और लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण एवं संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करके केंद्र पर इसे वापस लेने लिए दबाव डालना है।

उन्होंने कहा कि यदि (तीन) कृषि कानून क्रूर थे, तो ‘अग्निपथ’ योजना विनाशकारी है। यदि हमारे किसान और सैनिक संकट में होंगे, तो इससे हमारे देश की रीढ़ की हड्डी टूटने का खतरा है। हमारी चुप्पी सरकार को देश के रक्षकों एवं अन्नदाताओं को नष्ट करने देने का कारण नहीं बन सकती। हमने उन्हें एक बार रोका है, हम उन्हें फिर से रोक सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत कुछ प्रमुख कार्यक्रम हरियाणा के जींद जिले, उत्तर प्रदेश के मथुरा और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रविवार को होंगे।

इसके अलावा, रेवाड़ी (हरियाणा) और मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में नौ अगस्त, इंदौर (मध्य प्रदेश) में एवं मेरठ (उत्तर प्रदेश) में 10 अगस्त और पटना में 11 अगस्त को कार्यक्रम होंगे।

यादव ने मांग की कि अग्निपथ योजना को वापस लिया जाना चाहिए और नियमित एवं स्थायी भर्ती की पुरानी व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। ‘अग्निपथ’ थलसेना, नौसेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी एक योजना है, जिसके तहत चार साल के लिए संविदा के आधार पर नियुक्ति का प्रावधान है।

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