पेट्रोल डीज़ल का दाम लगातार आसमान छू रहा है। जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर तो पेट्रोल डीज़ल का दाम 100 के पास पहुंच चुका है। ऐसे में क्या आम जनता इसका बोझ उठा पायेगी? इन्हीं सब बातों को लेकर अब वित्त मंत्री भी सोच में है की कैसे इन दामों पर नियंत्रण किया जाये। पेट्रोल और डीज़ल के दामों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर कोई ऐसा तरीका निकालना होगा। जिससे तेल की कीमतें कम की जा सकें।
GST लगने से पूरे देश में एक रेट पर मिल सकेगा पेट्रोल-डीजल
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘अगर GST काउंसिल पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के लिए एक GST रेट पर सहमत होता है। तो देश में एक रेट पर पेट्रोल डीज़ल मिल पायेगा, न तो दिल्ली से महंगा चेन्नई होगा या मुंबई के मुकाबले दिल्ली में सस्ता। इस कमी को तभी दूर किया जा सकता है, जब इसे GST के दायरे में लाया जाए।
वित्त मंत्री बोली “मैं टैक्स में कटौती कर सकती हूं, अगर “
उन्होंने कहा कि ‘मैं टैक्स में कटौती कर सकती हूं, अगर मुझे एक निश्चित गारंटी मिले कि मेरे हिस्से की जाने वाली कमाई किसी और के लिए मौका नहीं बनेगी, जो इस जगह का फायदा नहीं उठाएगा’
उन्होंने कहा कि ‘तकनीकी तौर पर देखा जाए तो तेल की कीमतें आजाद है और सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए केंद्र राज्य सरकारों को एक साथ बैठना होगा और कीमतों को एक वाजिब स्तर पर लाना होगा।’
पेट्रोलियम पर भी GST लगाने का सोचना चाहिए
केंद्र और राज्य दोनों ही पेट्रोल से कमाई करते हैं। हम पेट्रोलियम को GST के दायरे में लाने की बात सोच सकते हैं, हो सकता है इस समस्या का यही एक हल हो। उन्होंने कहा कि GST काउंसिल को स्लैब्स को तर्कसंगत बनाने के बारे में सोचना चाहिए।’
GST काउंसिल में चर्चा की ज़रूरत है
वित्त मत्री ने कहा कि ‘क्योंकि हर सरकार को ज्यादा पैसा चाहिए, ज्यादा कमाई चाहिए और साथ ही मैं ये राहत भी देखती हूं कि टैक्सपेयर्स से एक पैसा भी अतिरिक्त न लिया जाए।’ जब उनसे ये पूछा गया कि क्या पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने पर इसका हल निकलेगा, तो उन्हों कहा कि ‘ऐसा हो सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए GST काउंसिल में एक विस्तृत चर्चा की जरूरत है।’
क्रेंद-राज्य सरकारों को इस पर बात करनी चाहिए
उन्होंने कहा कि ‘ये एक तकलीफ देने वाला विषय है और कोई भी मंत्री किसी को भी संतुष्ट नहीं कर सकता क्योंकि भारतीय आखिर भारतीय हैं और मैं भी उनमें से एक हूं, ये सच है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस पर बात करनी होगी’। फिलहाल केंद्र सरकार केंद्र पेट्रोल डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी वसूलती है।