Har Ghar Tiranga : किसने बनाया तिरंगा, कब फहराया गया पहली बार, जानें इसकी 20 खास बातें

Har Ghar Tiranga  : भारत को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। इस उत्सव को भारत सरकार आजादी के अमृत महोत्सव  के तौर पर मना रही है। इस बार के खास स्वतंत्रता दिवस के जश्न को और धूम धाम से मनाने के लिए भारत सरकार ने घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है। सरकार की देशभर में हर घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना है। पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि सभी लोग सोशल मीडिया अकाउंट में तिरंगे की डीपी लगाकर इस अभियान को और सशक्त बनाएं। सरकार 13 से 15 अगस्त तक घर तिरंगा अभियान चलाएगी। कई जगहों पर कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं भी होंगी। बहुत से स्कूल व कॉलेजों में स्वतंत्रता आंदोलन, तिरंगा, संविधान से जुड़ी क्विज भी आयोजित हो रही हैं।  इस अभियान का उद्देश्य लोगों के दिलों में देश भक्ति की भावना जगाना और जन-भागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है।

Har Ghar Tiranga' campaign: Post-offices to start selling Indian flags- The  New Indian Express

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज की विकास गाथा के बारे में बताया। ध्वज के विकास क्रम में आए विभिन्न परिवर्तनों के बारे में उन्होंने काफी दिलचस्प तरीके से बताया। चौहान ने विद्यार्थियों को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी। इनमें कुछ इस प्रकार हैं-

How Centre tweaked Flag Code to ensure 'Har Ghar Tiranga' campaign's  success - India News

Tiranga Quiz , Tiranga Facts : तिरंगे का इतिहास, तथ्य और क्विज

1. स्वामी विवेकानंद की आयरिश शिष्या मार्गरेट नोबल ने वर्ष 1905 में कोलकाता में निवेदिता कन्या विद्यालय की छात्राओं के साथ एक राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया। इस ध्वज में वज्र बनाया गया था, जो शक्ति का प्रतीक था। इसके केन्द्र में श्वेत कमल बनाया गया था, जो पवित्रता का प्रतीक था‍।

2. माना जाता है कि भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में पारसी बागान स्क्वायर ग्रीन पार्क में फहराया गया था। इसमें लाल, पीले और हरे रंग की तीन पट्टियाँ थी, जिनके बीच में वंदे-मातरम् लिखा था।

3. मैडम भीकाजी कामा और उनके सहयोगी क्रांतिकारियों ने अगस्त 1907 में, जर्मनी के शहर स्टुटगार्ट में दूसरी सोशलिस्ट कांग्रेस के अधिवेशन स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यह विदेशी भूमि पर फहराया जाने वाला पहला भारतीय ध्वज था। इसे ‘भारत की स्वतंत्रता का ध्वज’ नाम दिया गया।

4. भारत में स्वशासन की स्थापना के उद्देश्य से चलाए जाने वाले होमरूल आंदोलन के प्रमुख भाग के रूप में वर्ष 1917 में एक नया झंडा अपनाया गया। इसमें 5 लाल और 5 हरी आड़ी धारियाँ और सप्तऋषि के आकार में सात तारे थे।

5. अप्रैल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक भारतीय ध्वज की आवश्यकता महसूस की। गांधी जी ने पिंगली वेंकय्या को चरखे के साथ एक ध्वज डिजाइन करने को कहा। इस ध्वज में लाल और हरे रंग के साथ सफेद रंग को जोड़ा गया। इस ध्वज के केन्द्र में चरखा बनाया गया।

6. कराची में वर्ष 1931 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में पिंगली वेंकय्या द्वारा तीन रंगों का ध्वज तैयार किया गया। इस ध्वज को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।  इसमें लाल रंग बलिदान का, श्वेत रंग पवित्रता का और हरा रंग आशा का प्रतीक माना गया। देश की प्रगति का प्रतीक चरखा इसके केन्द्र में जोड़ा गया।

8. आज का जो तिरंगा है, वो कब अपनाया गया
22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने वर्तमान स्वरूप में स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया।

9. तिरंगे में किस रंग का क्या है मतलब
इसके शीर्ष पर केसरिया रंग है जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। इसके मध्य में सफेद रंग है, जो शांति और सत्य का प्रतीक है। सबसे नीचे हरा रंग है, जो भूमि की उर्वरता, विकास और शुभता प्रदर्शित करता है। ध्वज के वर्तमान रूप के केन्द्र में 24 तीलियों वाला चक्र है। इस चक्र का उद्देश्य यह दिखाना है कि गति में ही जीवन है ।

10. हमारे राष्ट्रीय ध्वज में लंबाई चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।

11. पिंगली वेंकैया इस राष्ट्रध्वज के रचनाकार थे। उनका भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका अतुलनीय योगदान रहा।

12. क्या रात में फहराया जा सकता है तिरंगा?
नए प्रावधान के तहत अब देश के नागरिकों द्वारा झंडा दिन के साथ रात में भी फहराया जा सकता है। सूर्यास्त के समय झंडा उतारना अनिवार्य नहीं है।

13- पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन दिसंबर 2021 में इसकी अनुमति दे दी गई। अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है।

15-  ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम के एक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है।

16- एक नियम यह है कि झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।

17- झंटे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

18-  झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।

19- साल 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज को आम लोग सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही फहरा सकते थे लेकिन साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड में परिवर्तन किया गया जिसके तहत कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडे को फहरा सकता है।

20. झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए।

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