नीतीश सरकार का हर तीसरा मंत्री दागी, हत्या की साजिश से हिंसा भड़काने और धोखाधड़ी तक के केस

बिहार में नए मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को हो गया। राजद के 16, जदयू के 11, कांग्रेस के दो तथा एक निर्दलीय सहित कुल 31 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी। नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने कई ऐसे नेता हैं, जिनपर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। तेजस्वी यादव, लेशी सिंह, तेजप्रताप यादव समेत दस मंत्रियों पर कई केस चल रहे हैं।

राजद सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम बन चुके हैं। तेजस्वी का नाम आईआरसीटीसी घोटाले में आ चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान दायर किए हलनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं। इनमें 7 आपराधिक केस हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं। इसके अलावा चार सिविल केस भी चल रहे हैं। तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी करने के लिए आईपीसी की धारा 120 B के तहत आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। आईआरसीटीसी मामले में कार्रवाई हुई तो 7 साल की जेल तक हो सकती है।

लालू यादव के बेटे और डिप्टी सीएम के भाई तेज प्रजाप यादव हसनपुर से विधायक हैं। तेज प्रजाप यादव पर पटना के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं और एक मामला दहेज से भी जुड़ा हुआ है।

लेशी सिंह नीतीश सरकार में खाद्य-उपभोक्ता मंत्री रही हैं। उन पर पूर्णिया के सरसी में पूर्व में पूर्व जिला परिषद रिंटू सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा हुआ है। इतना ही नहीं, नवंबर 2000 में चुनाव के दौरान राजद नेता बिन्नी सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी उन पर लगा। साल 2000 में लेशी सिंह के पति को पूर्णिया कोर्ट में गोलियों से भूनकर मार डाला गया था। पति की मौत होने के बाद लेशी सिंह ने राजनीति का रास्ता चुना। साल 2000 में चुनाव लड़ा और जीता भी।

नीतीश सरकार में शपथ लेने वाले मंत्री जमा खान की छवि दबंग नेता की रही है। जमा खान कभी कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। बाद में ये जेडीयू में शामिल हो गए। नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल में इन्हें जगह मिली। हालांकि इस पर काफी विवाद भी हुआ था। जमा खान हत्या की कोशिश करने, हिंसा को भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में मुकदमे चल रहे थे।

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