राजस्थानी दिल्ली में एक्साइज पॉलिसी में कथित तौर पर हुए घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 14 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसी केस की जांच के तहत सीबीआई ने सिसोदिया के आवास समेत सात राज्यों में 21 ठिकानों पर छापेमारी की है।
दिल्ली आबकारी नीति को लेकर शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की। दिल्ली समेत देश के 7 राज्यों में 21 ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले गए। छापेमारी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘बढ़ती लोकप्रियता और उनके शासन मॉडल’ से ‘डर गई’ है। ‘आप’ के नेता व राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि सीबीआई को सिसोदिया के घर पर ‘पेंसिल और ज्योमेट्री बॉक्स’ के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को जेल भेजने की योजना बना रही है।
सीबीआई की टीम सुबह जब सिसोदिया के आवास पर पहुंची, तो उन्होंने ट्विटर का रुख किया और कहा कि साजिशें न उन्हें तोड़ सकेंगी और न ही अच्छी शिक्षा के लिए काम करने के उनके संकल्प को बाधित कर पाएंगी। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिसोदिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सिसोदिया के बारे में कहा कि दिल्ली के ‘एक्साइज’ (आबकारी) मंत्री ‘एक्सक्यूज’ (बहाना बनाने वाले) मंत्री बन गए हैं। सिसोदिया के पास दिल्ली का आबकारी विभाग भी है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है। सिसोदिया ने खुद भी कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।