एक ओर शिवपाल यादव सपा से कोई नाता न रखने का ऐलान करते हैं और दूसरी ओर सपा उनको सदन में आगे बिठाने की मांग का समर्थन करती है। क्या यह चाचा भतीजे के नजदीक आने के संकेत हैं या और दूर जाने के…। इसके अपने निहितार्थ हैं। पर सपा के नेता कहते हैं कि यह पहल तो चाचा के सम्मान में है।
शिवपाल आजम खां की हुई मुलाकात
शिवपाल यादव व आजम खां दोनों ने मंगलवार को दिल्ली में मुलाकात की। इसमें क्या बात हुई यह तो ज्यादा साफ नहीं हो पाया लेकिन माना जा रहा है कि आजम खां से जुड़े कानूनी मसलों पर शिवपाल ने जानकारी ली। हालांकि शिवपाल यादव आजम खां से नजदीकी रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन आजम खां कई मौकों पर साफ कर चुके हैं कि अब उम्र के इस पड़ाव में सपा छोड़ कर कोई नया मोर्चा या संगठन बनाने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं। अलबत्ता उनकी चिंता अपने विधायक बेटे को पार्टी में मजबूती से जमाने की है। शिवपाल की भाजपा से नजदीकी आजम खां के किस काम आ सकती है, इस पर अभी कुछ कह पाना खासा मुश्किल है।