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यूपी कांग्रेस की कमान संभालते ही खाबरी ने भविष्‍य के दिए संकेत, बोले-ऐसी जाति का हूं जिसे सम्मान से नहीं जाना जाता

कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने शनिवार को लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय पर कार्यभार ग्रहण किया। कांग्रेस के 56 वें प्रदेश अध्यक्ष ने कमान सम्‍भालते ही साफ कर दिया कि आने वाले दिनों में यूपी में संगठन की प्राथमिकताएं क्‍या होंगी। बृजलाल खाबरी ने कहा ‘मुझे राजनीति में नहीं आना था लेकिन एक घटना ने मेरा रास्ता बदला दिया। मैं एक ऐसी जाति का हूं जिसे सम्मान से नहीं जाना जाता। मैंने शुरुआत से संघर्ष किया है। मैं पूरी जिंदगी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़ा रहूंगा।’

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जाहिर है, कांग्रेस की नजर अब सभी वोट बैंकों को समेट कर चलने की है। अपनी जाति विशेष का जिक्र पूरी दमदारी से करते हुए नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बृज लाल खाबरी ने साफ कर दिया कि उनकी नजर दलितों के वोट बैंक पर है। मंच से बताया भी गया कि प्रदेश में 30 साल बाद दलित प्रदेश अध्यक्ष बना है।

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के लिए आसान नहीं राहें, 'जातिगत फार्मूले' को फिट करना है चुनौती - big challenges before newly appointed up congress president brijlal ...

दलित प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब राष्‍ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे को जिताने की अपील हो रही है। वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने मंच से ही कहा कि दलितों में बहुत उत्साह नजर आ रहा है। मायावती से दलित समाज का मोहभंग हो गया है और अब वह कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे का भी जिक्र किया और कहा कि अल्पसंख्यक भी लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं और सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखते हुए पार्टी ने प्रांतीय अध्यक्ष बनाए हैं।

निकाय चुनाव से पहले माहौल बनाने में जुटी कांग्रेस
बृजलाल खाबरी ने साफ किया कि नगर निगम का चुनाव हमारे लिए चुनौती है। इसमें अच्छा करेंगे, तो 2024 का चुनाव भी हमारी झोली में होगा।  पार्टी का मानना है कि खाबरी की बदौलत दलित और प्रांतीय अध्यक्षों की बदौलत ओबीसी, अल्पसंख्यकों व ब्राह्मण वोट बैंक को भी अपनी तरफ मोड़ा जा सकता है।

चुनौतियां भरपूर
कांग्रेस का संगठन बिखर चुका है। पार्टी लाख कार्यक्रम चलाए लेकिन बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की कमी है। खाबरी संगठन के माहिर नेता माने जाते हैं। संगठन को दोबारा खड़ा करना और एक टीम की तरह काम लेना , एक बड़ी चुनौती है। खास बात यह है कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, निर्मल खत्री समेत राजेश मिश्र कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

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