नेता जी के जाने के बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के रिश्ते मुलायम होते नहीं दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की घोषणा कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत कुल 39 प्रचारक हैं। सपा ने आयोग को सूची सौंप दी है। इसमें मो. आजम खां, नरेश उत्तम पटेल, इंद्रजीत सरोज, स्वामी प्रसाद मौर्य, राम अचल राजभर, लालजी वर्मा, धर्मेंद्र यादव, आरके चौधरी शामिल हैं। माता प्रसाद पांडेय, डा. मनोज पांडेय आदि के नाम भी शामिल हैं। इसमें बसपा से आने वालों को खासी तरजीह दी गई है पर इस चुनाव में चाचा शिवपाल यादव को साथ नहीं लिया। उन्हें प्रचारकों की सूची में जगह नहीं दी। वहीं अगर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें तो चौथे चरण के स्टार प्रचारकों में शिवपाल का नाम था। अखिलेश यादव ने अपने चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को भी प्रचारक में शामिल किया था।
रोड शो में एक साथ दिखे थे शिवपाल और अखिलेश
आपको बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव के समाजवादी विजय रथ अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल एक साथ दिखे थे। इस दौरान शिवपाल यादव ने एक टीवी चैनल के सवाल पर कहा था कि, हमने तो अखिलेश को अपना नेता मान लिया। इस जबाव को सुनकर अखिलेश यादव पलटकर हंसे भी थे। इटावा के इस रोड शो में पूरा परिवार एक साथ दिखाई दिया था। इसे शिवपाल की नाराजगी दूर करने के एक प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा था। इसके अलावा कार्यकर्ताओं में परिवार के एकजुटता का संदेश जाने से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद की जा रही थी।
सपा के सिंबल पर शिवपाल लड़े थे चुनाव
2022 विधानसभा चुनाव में शिवपाल ने न सिर्फ अखिलेश को अपना नेता घोषित किया बल्कि यहां तक कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। सपा से गठबंधन के बाद उम्मीद थी कि प्रसपा नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन सिर्फ शिवपाल चुनाव लड़े, वह भी साइकिल के सिंबल पर। ऐसे में प्रसपा के तमाम वरिष्ठ नेता दूसरे दलों का रुख कर गए। इसके बाद भी शिवपाल चुनाव मैदान में लगे रहे।
चुनाव के बाद सपा ने नहीं बुलाया था बैठक में
2022 विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद नवनिर्वाचित विधायकों की पहली बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल नहीं बुलाया। सपा की तरफ से सभी विधायकों को फोन कर बुलाया गया था लेकिन शिवपाल को फ़ोन ही नहीं गया। इसके बाद फिर दूरी खींच गई। इसके बाद शिवपाल सिंह यादव सपा द्वारा बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इसके पीछे की वजह नाराजगी बताई जा रही है।