डेंगू का प्रकोप बढ़ा तो प्लेटलेट्स और प्लाज्मा का फर्जीवाड़ा भी शुरू हो गया। प्लेटलेट्स की जगह मरीजों के परिजनों को मौसम्बी का जूस बेचने के मामले की जांच शुरू हुई तो बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हो गया। परत दर परत खंगालती कोतवाली पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को छापामारी कर प्लेटलेट्स, प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह के चार शातिरों को पकड़ा।
गिरोह में आठ लोग बताए जा रहे हैं। इन आरोपियों की निशानदेही पर कई यूनिट प्लेटलेट्स, प्लाज्मा और ब्लड बरामद हुआ है। इस गिरोह में सरकारी ब्लड बैंक और प्राइवेट ब्लड बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं। ब्लड बैंकों से प्लेटलेट्स चोरी कर यह शातिर उसे पांच से आठ हजार रुपये तक में बेच रहे थे। पुलिस की छापामारी में नकली प्लेटलेट्स के साथ ही कई यूनिट असली प्लेटलेट्स भी बरामद हुई है। यह प्लेटलेट्स ब्लड बैंकों से निकाली गई थी।
ब्लड बैंक और अस्पताल के कर्मचारी गिरोह के शातिरों के साथ मिलकर इस काले धंधे को अंजाम दे रहे थे। मरीजों की जान से खिलवाड़ यह गिरोह इस प्रकार कर रहा था कि एक्सपायरी होने के बाद भी प्लेटलेट्स और प्लाज्मा उन्हें बेच देता था। कई दिनों तक यह प्लेटलेट्स चोरी कर रखे होते थे। जैसे ही लंबी रकम मिलती यह मरीज के परिजनों को थमा देते। इससे मरीज की जिंदगी खतरे में पड़ जाती। शातिरों ने लाखों रुपये कमाए हैं।
गिरोह में शहर-देहात क्षेत्र के युवक
बताया गया कि गिरोह में शहर के साथ देहात क्षेत्र के रहने वाले कई युवक शामिल हैं। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद देर रात तक क्राइम ब्रांच की टीमें छापामारी करती रहीं।
आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा, पूछताछ में रैकेट का हुआ खुलासा
– गिरोह में ब्लड बैंक और अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल
– ब्लड बैंकों से चोरी करते थे प्लेटलेट्स, बाद में बेचते थे
– कई यूनिट प्लेटलेट्स, ब्लड और प्लाज्मा बरामद