
| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |
🔷 प्रस्तावना: Amethi में किसानों के हक की गूंज
उत्तर प्रदेश के Amethi जिले में किसानों की समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन कर सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग की गई।
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🔷 प्रदर्शन स्थल बना किसानों की आवाज़
Amethi कलेक्ट्रेट परिसर मंगलवार को किसानों के नारों और आवाज़ों से गूंज उठा। प्रदर्शन में शामिल किसानों और AAP कार्यकर्ताओं ने बैनर, तख्तियां और झंडे लेकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने कहा:
“किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। महंगाई आसमान छू रही है, जबकि खेतों में मेहनत करने वाला किसान आज भी बदहाल है। सरकार केवल घोषणाएं कर रही है, जमीनी हकीकत कुछ और है।”
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🔷 मुख्य मांगे जो उठाई गईं
Amethi में हुए इस प्रदर्शन में किसानों से जुड़ी कई अहम मांगों को प्रमुखता से रखा गया। ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मुख्य मांगों को प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया:
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी
किसानों का कहना है कि उन्हें फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। गेहूं, धान, बाजरा, सरसों जैसे फसलों के लिए घोषित एमएसपी केवल कागजों तक सीमित है।
2. कर्ज माफी की मांग
Amethi जिले के अधिकतर किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। महंगी खेती, कम आमदनी और प्राकृतिक आपदाएं किसानों को आत्महत्या तक मजबूर कर रही हैं।
3. सिंचाई और बिजली संकट का समाधान
बारिश की कमी और सिंचाई के सीमित साधनों के चलते किसान परेशान हैं। ट्यूबवेलों को चलाने के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही।
4. खाद-बीज की समय पर उपलब्धता
फसलों की बुवाई के समय किसानों को पर्याप्त और उचित मूल्य पर खाद और बीज नहीं मिल पाते। कालाबाजारी और जमाखोरी की वजह से किसान महंगे दामों में खरीदने को मजबूर हैं।
🔷 Amethi जिले की ग्रामीण तस्वीर
Amethi जैसे अर्ध-ग्रामीण जिले में खेती अधिकांश लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। यहां के किसान परंपरागत खेती करते हैं, जिनमें उन्हें कई प्रकार की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं:
- मानसून पर निर्भरता
- सिंचाई साधनों की कमी
- सरकारी योजनाओं की ज़मीनी स्तर पर अनुपलब्धता
- बिचौलियों का दबाव
- मंडियों में शोषण
यहाँ के किसान बताते हैं कि सरकार की योजनाएं अमेठी पहुँचती ही नहीं या फिर केवल लाभार्थियों के नाम तक सीमित रह जाती हैं।
🔷 आंदोलन की चेतावनी
AAP के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर इन मांगों पर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह आंदोलन केवल Amethi तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रख रहे हैं, लेकिन अगर सरकार नहीं सुनती, तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। किसान अब चुप नहीं बैठेगा।”
🔷 जिलाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने Amethi के जिलाधिकारी से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इसमें स्थानीय और प्रदेश स्तर पर प्रभाव डालने वाली समस्याओं का उल्लेख किया गया है।
DM ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि:
“आपकी मांगें शासन तक भेजी जाएंगी और संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाएगा।”
🔷 राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम
यह प्रदर्शन सिर्फ किसानों के मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह Amethi में आम आदमी पार्टी की सक्रियता और जनजुड़ाव का संकेत भी है। यह क्षेत्र परंपरागत रूप से कांग्रेस और भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन अब AAP ने भी यहाँ राजनीतिक जमीन तैयार करने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं।
AAP के जिला स्तर के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने और सरकार की योजनाओं की असलियत बताने का प्रयास कर रहे हैं।
🔷 किसानों की ज़ुबानी: “हमारा हक मांगा है, कोई भीख नहीं”
प्रदर्शन में मौजूद कई किसानों ने मीडिया से बातचीत में अपनी पीड़ा जाहिर की।
राम आसरे, निवासी मुसाफिरखाना:
“धान बेचने मंडी गए तो व्यापारी 1000 रुपये क्विंटल से ज़्यादा देने को तैयार नहीं थे, जबकि MSP कहीं और है। हम मेहनत करें और फसल औने-पौने में बेचें?”
सीमा देवी, महिला किसान:
“महंगाई इतनी है कि खाद और बीज खरीदने के लिए उधार लेना पड़ता है। सरकार केवल बड़ी-बड़ी बातें करती है।”
🔷 AAP की आगे की रणनीति
AAP नेताओं ने बताया कि यह केवल शुरुआत है। आगामी महीनों में:
- ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन
- गांवों में जनसंवाद
- किसान पंचायत
- जागरूकता अभियान
चलाई जाएँगी, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और किसानों को न्याय मिल सके।
🔷 निष्कर्ष: Amethi में किसान आवाज़ बुलंद कर रहे हैं
Amethi में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में हुआ यह प्रदर्शन एक बड़ी सामाजिक चेतना का संकेत है। किसान अब चुप बैठने को तैयार नहीं हैं। महंगाई, कर्ज, MSP, और सरकारी योजनाओं की अनदेखी अब चुनावी मुद्दे भी बनते जा रहे हैं।
ऐसे में प्रशासन और सरकार को चाहिए कि इन आवाजों को गंभीरता से सुने, ताकि गांव, किसान और खेती – तीनों का भविष्य सुरक्षित रह सके।