| संवाददाता, मो. तौफ़ीक़ |
“जय श्रीराम!” के उद्घोष के बीच एक सशक्त यात्रा प्रेम, आस्था और जनसेवा की मिसाल बनकर अमेठी से अयोध्या धाम रवाना हुई और लौटकर अमेठी के लोगों में एक नई ऊर्जा भर गई। रैली की पूरी व्यवस्था भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष महेश सोनी और उनकी पत्नी लक्ष्मी सोनी की प्रेरणा से की गई। आइए विस्तार से जानें, कैसे यह यात्रा एक सुखद, सुरक्षित और स्मरणीय अनुभव बनी।
हर रविवार, हर अवसर: महेश सोनी की नेतृत्व एकता अभियान
महेश सोनी स्वभाव से एक सेवाभावी और दूरदर्शी नेता हैं। उनका यह पैगाम केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सेवा, सदभाव और समाज के बेहतरी का संदेश है। इससे पहले वे सैकड़ों श्रद्धालुओं को महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए ले जा चुके हैं, जहां यात्रा का हर चरण सुव्यवस्थित और नि:शुल्क था।
ऐसी पहल News Time Nation Amethi के लिए गर्व की बात है क्योंकि इससे न केवल मानवता की शाश्वत भावना जी उठती है, बल्कि अमेठी की छवि “प्रेरणा और समर्पण” की गढ़ बनकर उभरती है।
यात्रा की शुरुआत: हरी झंडी से हुई प्रस्थान
सुबह सुबह, मंडल लाखों श्रद्धालुओं को लेकर अमेठी से निकल पड़ा। जिलाध्यक्ष महेश सोनी और उनकी पत्नी लक्ष्मी सोनी ने खुद जाकर हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ किया। श्रद्धालुओं के चेहरे पर उम्मीदों भरी मुस्कान और रास्तों पर कहीं-कहीं “जय श्रीराम” के जयघोष ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
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मां सरयू में आस्था की डुबकी और श्रीराम लल्ला का दर्शन
रत्नछाथों से सजी सरयू नदी की धार में श्रद्धालुओं ने आस्था से स्नान कर मन की शुद्धि की। इसके बाद अयोध्या में स्थित श्रीराम लल्ला प्रतिमा को प्रणाम किया। लोगों की आंखों में श्रद्धा के आंसू और चेतना में आनंद यह उद्घोष करते रहे:
“जहां संभव हो—वहां सेवा हो, हमें खुशी सेवा में ही मिलती है।”
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पूरे कार्यक्रम की कमाल की व्यवस्था
यात्रा सुचारू रूप से चलने का मुख्य श्रेय विहार और आयोजन की व्यावहारिक योजना को जाता है:
- पर्याप्त बसों का प्रबंध, जो आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कर सकें।
- स्वच्छता और सुरक्षा का विशेष ख्याल, प्रत्येक बस में डॉक्टर और प्राथमिक चिकित्सा किट।
- खान-पान की बेहतरीन व्यवस्था, तीन समय का पोषक भोजन हर श्रद्धालु को उपलब्ध कराया गया।
- मनमोहक शिविर स्थान, जहां विश्राम-सह समर्पण की अनुभूति काबिले-तारीफ थी।
सभी श्रद्धालुओं ने इस उत्कृष्ट प्रबंध की प्रशंसा की और कहा:
“महेश सोनी द्वारा यह पहल सराहनीय है—इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।”
“जय श्रीराम” की महिमा: गांव से अयोध्या तक
यात्रा के समापन में जब श्रद्धालु अमेठी लौटे, तो “जय श्रीराम” के उद्घोष ने पूरे शहर को गूंजा दिया। यह श्रद्धा का स्वर मात्र नहीं, बल्कि एकता और विश्वास की आवाज थी:
“यह यात्रा हमें बताती है कि जनसेवा में सबसे बड़ी शक्ति आस्था होती है।”
यात्रा की समाप्ति पर श्रद्धालुओं ने महेश सोनी और लक्ष्मी सोनी का धन्यवाद नाम मात्र नहीं, बल्कि पूरे सादर हृदय से किया।
News Time Nation Amethi का विश्लेषण
इस प्रकार की पहल सार्वजनिक विश्वास को फिर से जीता है क्योंकि:
- यह केवल धार्मिक उद्देश्य से अधिक, समाजिक एकता और नेतृत्व कौशल का परिचायक है।
- मौजूदा दौर में, जब नेताओं की छवि अक्सर केवल चुनावी होती है, ऐसी सच्ची सेवा महत्वपूर्ण याद दिलाती है कि नेतृत्व का अर्थ केवल पद नहीं, मानवता की सेवा भी है।
- यह आयोजन अमेठी की सामाजिक ताकत और संगठनात्मक क्षमता का प्रमाण है, जिसे News Time Nation Amethi पूरे गर्व के साथ उजागर करता है।