अमेठी में डीएम संजय चौहान ने दिखाई पराली प्रबंधन प्रचार वाहनों को हरी झंडी, किसानों से की अपील – फसल अवशेष न जलाएं

अमेठी संवाददाता -: मोहम्मद तौफ़ीक़

अमेठी में फसल अवशेष प्रबंधन (क्रॉप रेजीड्यू मैनेजमेंट) को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। प्रमोशनल ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीड्यू योजना के तहत किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों और फार्मर रजिस्ट्री के प्रति जागरूक करने के लिए आज जिलाधिकारी संजय चौहान ने कलेक्ट्रेट परिसर से चार प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।इन प्रचार-प्रसार वाहनों के माध्यम से जिले की सभी तहसीलों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों को
पराली न जलाने, पराली को खाद के रूप में उपयोग करने और फसल अवशेष प्रबंधन के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
साथ ही पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

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डीएम ने किसानों से की अपील – “फसल अवशेष जलाना अपराध, पर्यावरण और खेत दोनों को नुकसान”

जिलाधिकारी संजय चौहान ने किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेष को न जलाएं,
बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन तकनीक अपनाकर खेत और पर्यावरण की रक्षा करें।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेत के लाभकारी जीवाणु नष्ट हो जाते हैं जिससे मिट्टी की गुणवत्ता और उत्पादकता प्रभावित होती है।

उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस (Super Straw Management System) का उपयोग करें, ताकि कटाई के समय ही पराली प्रबंधन हो सके। सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में स्ट्रारीपर, बेलर, मल्चर, स्ट्राचॉपर, रोटरी स्लेशर, श्रबमास्टर जैसे यंत्रों का उपयोग भी किया जा सकता है। इन उपकरणों से पराली को खेत में मिलाकर कम्पोस्ट खाद या पशु चारे के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।

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बिना प्रबंधन के पराली जलाने पर होगी कार्यवाई

डीएम ने स्पष्ट किया कि यदि कम्बाइन स्वामी बिना पराली प्रबंधन यंत्रों (जैसे एसएमएस, स्ट्रारीपर आदि) का उपयोग किए कटाई करते पाए गए, तो नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) अधिनियम की धारा-24 और 26 के तहत पराली जलाने वालों पर छतिपूर्ति वसूली और जुर्माना लगाया जाएगा –

  • 02 एकड़ तक क्षेत्र के लिए ₹2500
  • 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए ₹5000
  • 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 का अर्थदंड निर्धारित किया गया है।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अर्पित गुप्ता, उप कृषि निदेशक सत्येन्द्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Khursheed Khan Raju

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